एयर इंडिया की बड़ी लापरवाही, DGCA ने दिए सख्त निर्देश, 3 अधिकारी हटाए गए
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 02:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाने का आदेश दिया है। इनमें एक डिवीजनल वाइस प्रेसीडेंट भी शामिल है। DGCA ने कहा है कि ये अधिकारी फ्लाइट क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से जुड़ी जिम्मेदारियों में लापरवाही के दोषी पाए गए हैं। अगर एयर इंडिया ने इनके खिलाफ आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की, तो एयरलाइन की उड़ान संचालन अनुमति भी रद्द की जा सकती है।
लंदन जाने वाली फ्लाइट ने पार की उड़ान ड्यूटी की सीमा
DGCA की यह कार्रवाई एयर इंडिया के एकीकृत संचालन नियंत्रण केंद्र (IOCC) के ऑडिट के बाद की गई है। ऑडिट में यह पाया गया कि 16 और 17 मई को बेंगलुरु से लंदन हीथ्रो जाने वाली फ्लाइट AI133 ने अधिकतम 10 घंटे की उड़ान ड्यूटी की सीमा को पार किया। यह सीधा-सीधा नागरिक उड्डयन आवश्यकता (CAR) 2019 के नियम 6.1.3 का उल्लंघन है। DGCA के अनुसार ये फ्लाइट्स कोई आपातकालीन स्थिति नहीं थीं, बल्कि नियमित लंबी दूरी की उड़ानें थीं।
DGCA ने पूछा- क्यों न हो कार्रवाई?
नियामक ने एयर इंडिया के जवाबदेह प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 7 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जवाब नहीं दिया गया तो मामले का निर्णय एकतरफा आधार पर लिया जाएगा। DGCA ने ये भी स्पष्ट किया कि एयरलाइन की तरफ से सिस्टम फेलियर के संकेत लगातार मिल रहे हैं।
एयर इंडिया ने मानी गलती, दिए आश्वासन
एयर इंडिया ने DGCA के निर्देश को स्वीकार करते हुए बयान जारी किया है कि संबंधित आदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। एयरलाइन ने कहा कि कंपनी के मुख्य ऑपरेशन अधिकारी अब IOCC पर प्रत्यक्ष निगरानी रखेंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में किसी भी नियम की अनदेखी न हो।
किन नियमों की हो रही अनदेखी?
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हर पायलट की योग्यता और उड़ान घंटे की जांच जरूरी है।
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दोनों पायलटों को विशेष क्षेत्रों के लिए भी योग्यता होनी चाहिए जैसे कम दृश्यता वाले ऑपरेशन या ऊंचाई वाले हवाई अड्डे।
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पायलटों का वैध लाइसेंस और अपडेटेड रिफ्रेशर कोर्स होना अनिवार्य है।
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उड़ान से पहले पायलटों को पर्याप्त आराम मिलना चाहिए।
अब उठ रहे हैं ये बड़े सवाल
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नियमों का उल्लंघन ऑटोमेटिक सिस्टम में क्यों नहीं पकड़ा गया?
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क्या सॉफ्टवेयर को मैन्युअली ओवरराइड किया जा रहा है?
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क्या पायलट रोस्टर में जानबूझकर हेरफेर हो रहा है?
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क्या यह केवल एक सिस्टम फेलियर नहीं बल्कि एक रणनीतिक चूक है?