''संसद से सीधे एयरपोर्ट और फिर लंदन, जेटली को पहले ही बताया था...'', विजय माल्या ने सुनाया भारत से भागने का पूरा किस्सा
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 04:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लंदन में रह रहे भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने पहली बार किसी पॉडकास्ट में खुलकर अपने जीवन, कारोबार और भारत छोड़ने की कहानी सुनाई है। इस बातचीत में उन्होंने अपने बचपन से लेकर किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत, IPL टीम खरीदने और फिर विवादों में फंसने तक हर पहलू पर बात की। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उनके उस दावे की हो रही है जिसमें उन्होंने कहा कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने खुद तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को बताया था कि वह जेनेवा जा रहे हैं।
अरुण जेटली से संसद में हुई थी बातचीत
माल्या ने कहा कि उन्होंने 2 मार्च 2016 को संसद भवन में चलते-चलते अरुण जेटली से मुलाकात की और उन्हें बताया कि वह FIA वर्ल्ड काउंसिल मीटिंग में शामिल होने जेनेवा जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जेटली से बैंकों से समझौता कराने की बात भी कही थी, ताकि वह सेटलमेंट कर सकें और देश में ही रहकर मामले सुलझा सकें। माल्या का कहना है कि वह किसी को धोखा देकर देश से भागे नहीं, बल्कि सामान्य तरीके से संसद से एयरपोर्ट गए और वहां से फ्लाइट लेकर जेनेवा के लिए रवाना हुए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका इरादा देश छोड़ने का नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट से नहीं आया था कोई समन
जब पॉडकास्ट में माल्या से पूछा गया कि 2 मार्च 2016 को वह संसद गए और अगली सुबह 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में उनकी पेशी थी, तो उन्होंने कहा, “यह बात पूरी तरह गलत है। मुझे किसी भी कोर्ट की ओर से समन नहीं मिला था। मैं संसद से सीधे एयरपोर्ट गया और वहां से लंदन के रास्ते जेनेवा के लिए रवाना हुआ।”
जब मीडिया में यह खबर आई कि विजय माल्या ने संसद में वित्त मंत्री से मुलाकात कर उन्हें अपने विदेश जाने की जानकारी दी थी, तब पहले अरुण जेटली ने इससे इनकार कर दिया था। लेकिन कांग्रेस के एक वरिष्ठ सांसद के बयान के बाद जेटली को अपनी बात बदलनी पड़ी और उन्होंने माना कि माल्या उनसे संसद में चलते-चलते मिले थे, लेकिन वह बातचीत बहुत छोटी और औपचारिक थी।
जेट एयरवेज की फ्लाइट से गए थे विदेश
विजय माल्या ने दावा किया कि उन्होंने देश से भागने की कोई योजना नहीं बनाई थी। उन्होंने बताया, “मैं पिछले 32 साल से ब्रिटेन का परमानेंट रेजिडेंट हूं और भारत में मुझे सिर्फ 180 दिन रहने की अनुमति है। मैं हमेशा आता-जाता रहा हूं। जिस दिन जेनेवा में मीटिंग थी, मैं जेट एयरवेज की फ्लाइट से गया और संसद से खुद गाड़ी चलाकर एयरपोर्ट पहुंचा था।”
माल्या ने बातचीत में कहा कि उन्होंने बैंकों का पैसा लौटाने की कोशिश की थी। उन्होंने कई बार सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया, लेकिन बात नहीं बनी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वह ED और CBI की जांच में भी सहयोग करने को तैयार थे, लेकिन इसी बीच उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया, जिससे सारी योजनाएं और कोशिशें रुक गईं।
माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप
गौरतलब है कि विजय माल्या पर भारत के कई बैंकों से करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। वह एक समय भारत के सबसे चर्चित उद्योगपतियों में शामिल थे और राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। लेकिन कर्ज चुकाने में विफल रहने और विदेश भाग जाने के कारण उन्हें जनवरी 2019 में 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित कर दिया गया था। जुलाई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अदालत की अवमानना के एक मामले में चार महीने की सजा सुनाई थी।