विजय माल्या और नीरव मोदी की जल्द भारत वापसी की संभावना, Modi ने UK PM से की बात
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 03:43 PM (IST)
नेशनल डेस्क। ब्राजील में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें भारतीय आर्थिक अपराधी नीरव मोदी और विजय माल्या पर कार्रवाई को लेकर भी बातचीत हुई। यह पहला अवसर था जब दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा की और नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत पर सहमति जताई।
माइग्रेशन और प्रत्यर्पण प्रक्रियाओं में तेज़ी लाने पर सहमति
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश पीएम से बात करते हुए नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों की भारत वापसी की प्रक्रिया को तेज़ करने की आवश्यकता जताई। दोनों नेताओं ने इस पर सहमति जताई कि माइग्रेशन और प्रत्यर्पण से जुड़े मामलों में तेजी लानी चाहिए। इस संबंध में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की बात भी हुई।
नीरव मोदी का PNB घोटाला और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
नीरव मोदी भारतीय बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का आरोपी है। नीरव ने बैंक से 2 अरब डॉलर की धोखाधड़ी की और ब्रिटेन भाग गया। भारत सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई प्रयास किए हैं और उसे प्रत्यर्पित करने की कोशिशें जारी हैं। स्विस अधिकारियों ने 2019 में नीरव की संपत्तियां और बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे।
विजय माल्या और भारतीय बैंकों का कर्ज मुद्दा
विजय माल्या भारतीय बैंकों से भारी कर्ज लेकर देश से भाग गए थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने कर्ज चुकाने में असफल रहने के बाद कोर्ट की अवमानना की और बच्चों को 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किए। इस मामले में जुलाई 2022 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को चार महीने की जेल और जुर्माना लगाने का आदेश दिया था।
भारत-ब्रिटेन संबंधों में पारदर्शिता और विश्वास का बढ़ना
नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में पारदर्शिता और विश्वास को मजबूत कर सकती है। इससे दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और अन्य आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव भी बढ़ेगा। इस पहल के माध्यम से भारत और ब्रिटेन के आपसी संबंधों में एक नया विश्वास स्थापित हो सकता है।
रणनीतिक साझेदारी पर भी असर
दोनों देशों के बीच माइग्रेशन और प्रत्यर्पण मामलों में तेजी लाने के निर्णय से रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती मिल सकती है। इससे न केवल नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों की वापसी में मदद मिलेगी, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को भी नया आयाम मिलेगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से यह मुलाकात, न केवल नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों के मामले को लेकर थी, बल्कि यह दोनों देशों के लिए एक सकारात्मक कदम भी साबित हो सकता है, जिससे उनके बीच और भी मजबूत रिश्ते बन सकते हैं।