फर्जी बाबाओं की सूची जारीः राम रहीम, राधे मां और आसाराम बापू सहित 14 के नाम शामिल

punjabkesari.in Monday, Sep 11, 2017 - 11:07 AM (IST)

नई दिल्ली: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने ‘संत’ की उपाधि देने के लिए एक प्रक्रिया तय करने का फैसला किया है ताकि गुरमीत राम रहीम सिंह जैसे लोगों को इसका गलत इस्तेमाल करने से रोका जाए। हरियाणा के सिरसा में धार्मिक संस्था डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को बलात्कार के एक मामले में हाल ही में दोषी करार देने और जेल भेजे जाने की घटना के बाद हिंदू धर्म के नेताओं की शीर्ष संस्था को यह कदम उठाना पड़ा। 

फर्जी बाबाओं की सूची 
आसाराम बापू उर्फ आशुमल शिरमलानी, सुखविंद्र कौर उर्फ  राधे मां,  सच्चिदानंद गिरि उर्फ  सचिन दत्ता, गुरमीत सिंह राम रहीम, ओम बाबा उर्फ  विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलप्रीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ  शिवमूति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद,  ऊं नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं, राम पाल, कुशि मुनि, बृहस्पति गिरि, मलखान गिरि।

‘संत’ की उपाधि का किया जा रहा गलत इस्तेमाल
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि संतों के बीच यह भावना है कि एक या दो धार्मिक नेताओं के गलत कामों की वजह से पूरे समुदाय की छवि को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। विहिप, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ मिलकर काम करता है। जैन ने कहा कि अब से किसी व्यक्ति की पड़ताल करने और उसका आकलन करने के बाद ही यह उपाधि प्रदान की जाएगी। 

एक संत के पास नहीं होगी कोई संपत्ति 
उन्होंने कहा कि यह उपाधि देने से पहले अखाड़ा परिषद यह भी देखेगी कि व्यक्ति की जीवनशैली किस तरह की है। अखाड़ा परिषद के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि उन्होंने यह फैसला लिया है कि एक संत के पास नकदी या उसके नाम पर कोई संपत्ति ताे नहीं है। पदाधिकारी ने कहा कि संपत्ति और नकदी जैसी सभी चीजें न्यास की होनी चाहिए और इसका बड़े पैमाने पर लोगों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जैन ने कहा कि लोगों को किसी का अनुयायी बनने से पहले उसकी विश्वसनीयता जांच लेनी चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 14 अखाड़ों की संयुक्त संस्था है जिसमें निर्मोही अखाड़ा भी शामिल है जो अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन का चेहरा है। 


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