बनारस को जाम से आज़ादी! देश का पहला अर्बन रोपवे का ट्रायल शुरू, 45 मिनट का सफर अब सिर्फ 15 मिनट में
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 08:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क : बनारस में देश का पहला अर्बन रोपवे अब हकीकत बनने जा रहा है। इसका ट्रायल रन कुछ दिन पहले शुरू हो गया है और यह करीब तीन महीने तक चलेगा। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 807 करोड़ रुपये है, जिसका उद्देश्य शहर में जाम की समस्या को कम करना और लोगों की आवाजाही को आसान बनाना है।
लागत और बजट
रोपवे की आधारशिला 24 मार्च 2023 को रखी गई थी। प्रारंभ में इसकी लागत लगभग 645 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन निर्माण के दौरान खर्च बढ़कर अब 820 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने कहा कि यह एशिया का पहला अर्बन रोपवे है, इसलिए तकनीकी और अन्य कारणों से लागत बढ़ी है। प्रोजेक्ट में 15 साल का संचालन और रखरखाव भी शामिल है।
रोपवे की लंबाई और स्टेशन
रोपवे की लंबाई 3.75 किलोमीटर होगी और यह सीधे कैंट रेलवे स्टेशन को गोडौलिया चौक से जोड़ेगा। वर्तमान में कैंट से गोडौलिया पहुंचने में 45-50 मिनट लगते हैं, लेकिन रोपवे शुरू होने पर यह सफर सिर्फ 15 मिनट में पूरा होगा। इसमें तीन स्टेशन बनाए गए हैं – कैंट, विद्यापीठ और रथयात्रा, जिनमें लिफ्ट, ऑटोमेटिक सीढ़ियां, व्हीलचेयर रैंप, शौचालय, पार्किंग और खाने-पीने की सुविधा मौजूद होगी।
खर्च और तुलना
विशेषज्ञों के अनुसार, एक किलोमीटर रोपवे बनाने में सामान्यतः 45 से 75 करोड़ रुपये खर्च आते हैं। रोपवे की गति 25-30 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। प्रोजेक्ट मैनेजर पूजा मिश्रा ने कहा कि काशी रोपवे को किसी अन्य प्रोजेक्ट या मिशन से तुलना करना ठीक नहीं है। वाराणसी दुनिया का तीसरा शहर होगा, जहां घनी आबादी वाले इलाके से रोपवे गुजरेगा।
सुरक्षा और निगरानी
रोपवे में 38 टावर लगाए गए हैं और हर टावर पर कुल 228 सेंसर लगे हैं, जो गोंडोला की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में स्विट्ज़रलैंड में बैठे विशेषज्ञ उसे ऑनलाइन ठीक कर सकेंगे। सुरक्षा से जुड़ी सारी रिपोर्ट सीधे कंट्रोल रूम तक पहुंचेंगी, ताकि यात्री सफर के दौरान किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।