VIDEO: बेटी ने गंगा में विसर्जित कीं वाजपेयी की अस्थियां, शाह-राजनाथ भी रहे मौजूद

punjabkesari.in Sunday, Aug 19, 2018 - 11:25 PM (IST)

नई दिल्ली/रांची: दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां आज यहां उनके परिजनों ने गंगा नदी में विर्सिजत कीं। दिवंगत नेता की अस्थियों का कलश लेकर उनकी पुत्री नमिता, दामाद रंजन भट्टाचार्य और नातिन निहारिका यहां हर की पैड़ी पर स्थित ब्रह्मकुंड पहुंचे जहां उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वाजपेयी की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया।
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इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट तथा हरिद्वार से भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। अस्थियां विसर्जित करने से पहले भल्ला कॉलेज ग्राउंड से लेकर हर की पौड़ी घाट तक कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें भारी जनसैलाब उमड़ा।

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वहीं सुबह वाजपेयी की बेटी नमिता और पोती निहारिका ने पहले दिल्ली में स्मृति स्थल पर जाकर अटल जी की अस्थियों को एकत्रित किया। उल्लेखनीय है कि स्वतंत्र भारत के करिश्माई नेताओं में शामिल 93 वर्षीय वाजपेयी का निधन गुरुवार को हुआ था। शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर अंतिम संस्कार किया गया। भाजपा नेता भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा के कद्दावर नेता रहे वाजपेयी के लिए 20 अगस्त को यहां एक सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा और इसी तरह की एक और सभा का आयोजन 23 अगस्त को लखनऊ में होगा।
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उन्होंने कहा कि लखनऊ की सभा में गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा वाजपेयी के रिश्तेदार भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां वहां गोमती नदी में भी विर्सिजत की जाएंगी। रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां राज्य की चार-पांच नदियों में प्रवाहित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने झारखंड का निर्माण किया था और इसलिए उनका निधन हमारे लिए अपूरणीय क्षति है।
PunjabKesari दास ने कहा कि झारखंड की चार-पांच बड़ी नदियों में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार उनके नाम पर कार्यक्रम शुरू करने और स्मारक बनाने पर भी विचार कर रही है ताकि आगामी पीढ़ियां उनके विचारों और कार्यों के बारे में जान सके।

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Seema Sharma

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