सफलतापूर्वक पूरा हुआ Uttrakhand tunnel Rescue, लोगों ने चेहरों पर आई खुशी, फूलों के हार से किया स्वागत
punjabkesari.in Wednesday, Nov 29, 2023 - 04:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमालय में एक ढही हुई सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे हुए 41 श्रमिकों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया है। इस ऑपरेशन के बाद से भी पूरे भारत में एक खुशी की लहर फैल गई है। बचाव दल ने 90 सेमी (3 फीट) चौड़े स्टील पाइप के माध्यम से व्हील वाले स्ट्रेचर पर बाहर निकाला और प्रोसेस में तकरीबन एक घंटा लगा। बचाव दल के नेता वकील हसन ने कहा, "उनकी हालत प्रथम श्रेणी और बिल्कुल ठीक है...बिल्कुल आपकी या मेरी तरह। उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई तनाव नहीं है।"
राज्य के मुख्यमंत्री और उप राजमार्ग मंत्री ने किया स्वागत-
सुरंग से निकाले जाने के बाद राज्य के राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और संघीय उप राजमार्ग मंत्री वी.के. ने गेंदे के फूलों की माला पहना कर उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किnaया, ''सुरंग में फंसे दोस्तों से मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है।'' टीवी चैनल्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री द्वारा सुरंग से निकाले गए लोगों से फोन पर बातचीत भी की गई।
लोगों ने बांटी मिठाइयां-
वहीं सुरंग के बाहर एकत्र स्थानीय निवासियों द्वारा पटाखे फोड़े गए, मिठाइयाँ बाँटी और भारत माता की जयकार के नारे लगाए। उत्तरकाशी टन्नल रेस्क्यू पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर का चर्चा का विषय रहा। मंगलवार को इसके सफलतापूर्वक पूरे होने पर राजनेताओं, सेवानिवृत्त क्रिकेट खिलाड़ियों, व्यापारिक नेताओं, राजनयिकों और आध्यात्मिक नेताओं ने इस प्रयास की सराहना की।
Rat Miners ने किया बचाव कार्य-
संकट का प्रबंधन करने वाली सरकारी एजेंसियों ने सोमवार को मशीनरी के विफल होने के बाद मलबे के माध्यम से निकाले गए निकासी पाइप के अंदर से चट्टानों और बजरी को हाथ से ड्रिल करने के लिए 'RAT MINERS' की ओर रुख किया था। 'RAT MINERS' 'रैट-होल माइनिंग' में संलग्न होते हैं। यह एक मैन्युअल ड्रिलिंग टेक्नीक जहां कुशल श्रमिकों द्वारा तंग गड्ढों को सावधानीपूर्वक खोदा जाता है।
महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का है हिस्सा ये सुरंग-
जानकारी के लिए बता दें कि ये सुरंग 1.5 बिलियन डॉलर के चार धाम राजमार्ग का एक हिस्सा है, जो मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इसका उद्देश्य 890 किलोमीटर लंबी सड़कों के नेटवर्क के माध्यम से चार हिंदू तीर्थ स्थलों को जोड़ना है।