US Deal Pakistan: आगे चलकर पाकिस्तान, भारत को बेचेगा तेल? ट्रंप के बयान से मचा भूचाल
punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 07:26 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के खिलाफ जारी 25 फीसदी टैरिफ के बीच पाकिस्तान के साथ एक बड़ी तेल भंडार विकास डील करने की बात कही है। उन्होंने बताया है कि अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर देश के तेल भंडार विकसित करने के लिए काम करेंगे, और जल्द ही उस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रमुख तेल कंपनी के चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि संभव है पाकिस्तान भविष्य में भारत को भी तेल बेचे। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के कारण भारी शुल्क लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ा है।
ट्रम्प की पाकिस्तान डील और भारत के साथ टैरिफ विवाद
ट्रंप ने अपने बयान में कहा, "हमने पाकिस्तान के साथ तेल भंडार विकसित करने की डील पूरी कर ली है। हम अब एक कंपनी का चयन कर रहे हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जानता है कि शायद पाकिस्तान कभी भारत को तेल भी बेच सकता है।" इस बयान से स्पष्ट होता है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है, जो क्षेत्रीय व्यापार और कूटनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।
वहीं भारत के प्रति बढ़े टैरिफ पर ट्रंप ने अपनी आलोचना जारी रखते हुए कहा कि यह फैसला भारत के साथ अमेरिकी भारी व्यापार घाटे और ब्रिक्स समूह की नीतियों को देखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा, "BRICS group, जिसका भारत सदस्य है, अमेरिका के लिए एक चुनौती है। यह समूह अमेरिकी डॉलर पर हमला करता है और हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
भारत के साथ व्यापार में तनाव की वजह
ट्रंप ने बताया कि भारत के साथ अमेरिकी व्यापार घाटा बहुत बड़ा है, जो इस टैरिफ फैसले की प्रमुख वजह है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताया लेकिन कहा कि वे व्यापारिक मामलों में अमेरिका के साथ ज्यादा जुड़ी नहीं हैं। ट्रंप ने कहा, हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं। इस बातचीत में ब्रिक्स समूह का मसला भी शामिल है, जो अमेरिका के खिलाफ एक तरह की मुद्रा और आर्थिक लड़ाई लड़ रहा है।
टैरिफ का प्रभाव और आगे का रास्ता
ट्रंप द्वारा लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ ने भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों को तनावपूर्ण बना दिया है, खासकर जब भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। अमेरिका का यह कदम साफ संदेश है कि वह अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठा सकता है, भले ही इससे मित्र देशों के बीच मतभेद बढ़ें।
पाकिस्तान के साथ तेल भंडार विकास की यह डील दक्षिण एशिया में ऊर्जा व्यापार की दिशा बदल सकती है, खासकर यदि पाकिस्तान वाकई भारत को तेल बेचने लगे। इससे क्षेत्रीय राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं, और भारत-पाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।