₹60,000 से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस होंगे रद्द, 5000 करोड़ के चालान बकाया, 3 लाख गाड़ियां ब्लैकलिस्ट
punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 02:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अब बिलकुल नहीं बर्दाश्त की जाएगी। 5000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया चालानों की वसूली के लिए प्रदेश प्रशासन ने कड़ा अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान में अब तक 3 लाख से ज्यादा गाड़ियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है और करीब 60 हजार ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया में हैं। जो वाहन मालिक बार-बार नियम तोड़ते हैं और चालान नहीं भरते, उनके खिलाफ अब सख्त कार्रवाई हो रही है।
कितनी गाड़ियां और लाइसेंस हुए ब्लैकलिस्ट और रद्द?
ट्रैफिक और परिवहन विभाग की जांच में पता चला है कि पूरे प्रदेश में 3,01,410 गाड़ियों और 58,893 ड्राइविंग लाइसेंस धारकों ने ट्रैफिक नियमों की बार-बार अनदेखी की है। इनपर चालान बकाया है। अब तक 1006 लाइसेंस रद्द किए गए हैं, साथ ही 3,964 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) निलंबित या रद्द किए जा चुके हैं। यह कार्रवाई अभी शुरूआती दौर की है, और आगे भी इसे तेज किया जाएगा।
सबसे ज्यादा उल्लंघन बरेली ज़ोन में
बरेली ज़ोन में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां 21,000 से अधिक वाहन मालिक चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 5,833 के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, 130 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी चिन्हित किए गए हैं। मेरठ ज़ोन में 1,323 उल्लंघनकर्ता पाए गए हैं, जिनमें से 260 का लाइसेंस सस्पेंड किया गया है। आगरा ज़ोन में 1,585 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने की सिफारिश की गई है और 30,000 से ज्यादा गाड़ियों के पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है। लखनऊ ज़ोन में भी 4,351 गाड़ियां और 1,820 लाइसेंस की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार हुई है।
ADG ट्रैफिक का सख्त संदेश
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG ट्रैफिक) के. सत्यनारायण ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा का चालान बकाया है। उन्होंने साफ कहा कि अब पांच या उससे ज्यादा चालान बकाया रहने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि गाड़ी मालिक नियमों को गंभीरता से नहीं लेते, सोचते हैं कोर्ट जाकर चालान माफ करा लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा। यह अभियान सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया है ताकि दुर्घटनाओं और मौतों को रोका जा सके।
चालान बकाया क्यों बढ़ा?
2021 में प्रदेश में 67 लाख गाड़ियों का चालान हुआ था और उस समय 867 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया था। लेकिन 2024 तक चालानों की संख्या दोगुनी होकर 1.36 करोड़ हो गई, जबकि वसूली सिर्फ 105 करोड़ रुपये ही हुई। इसका मतलब है कि ज्यादातर वाहन मालिक चालान भरने से बच रहे हैं और नियमों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
सड़क हादसों वाले 20 जिले चिन्हित
ट्रैफिक विभाग ने 20 ऐसे जिलों की सूची बनाई है जहां ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और सड़क दुर्घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। लखनऊ इस सूची में सबसे ऊपर है। 2024 में लखनऊ में 1,630 सड़क हादसे हुए, जिनमें 576 लोगों की मौत हुई और 1,165 लोग घायल हुए। इसके अलावा कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, बरेली, नोएडा, हरदोई, बुलंदशहर, मथुरा, गाजियाबाद, अलीगढ़, बाराबंकी, सीतापुर, उन्नाव, मेरठ, शाहजहांपुर, आजमगढ़, लखीमपुर खीरी और कुशीनगर भी इस सूची में शामिल हैं।
सड़क सुरक्षा के लिए विशेष रणनीति
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अभियान को सड़क सुरक्षा रणनीति के तहत लागू किया है। इसका मकसद लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना और लापरवाही को रोकना है। ट्रैफिक पुलिस अब कैमरों और GPS तकनीक का भी इस्तेमाल कर रही है ताकि नियम तोड़ने वालों की पहचान की जा सके। ई-चालान प्रणाली को और प्रभावी बनाया जा रहा है ताकि चालान को टालना मुश्किल हो।
जनता से खास अपील
ट्रैफिक विभाग ने जनता से अपील की है कि वे समय पर चालान का भुगतान करें और ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करें। जो लोग पांच या उससे अधिक चालान बकाया रखते हैं, वे जल्दी से जल्दी चालान का निपटारा करें नहीं तो उनके वाहन का पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस दोनों जब्त हो सकते हैं। इस अभियान का मकसद केवल सख्ती नहीं बल्कि सड़कों को सुरक्षित बनाना है।