New Traffic Rules: ट्रैफिक नियम को लेकर आने वाला है नया नियम, फिर से देना होगा ड्राइविंग टेस्ट, साथ ही होंगें ये बड़े बदलाव

punjabkesari.in Monday, Jul 21, 2025 - 12:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सड़क हादसों में हर साल लाखों लोग घायल होते हैं और बड़ी संख्या में बच्चों की जान भी चली जाती है। देश में सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। इसी कारण केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय मोटर व्हीकल एक्ट को सख्त बनाने की तैयारी में है। खासकर उन नियमों को कड़ा किया जाएगा जिनका उल्लंघन वाहन चालक करते हैं और वाहन में बच्चे भी मौजूद होते हैं। इस नए प्रस्ताव के तहत ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर दोगुना जुर्माना लगाया जाएगा। यह नियम न केवल निजी वाहनों के लिए लागू होगा बल्कि स्कूल बसों और अन्य शैक्षिक संस्थानों के वाहनों पर भी समान रूप से लागू होगा।

सड़क हादसों में बच्चों की जान जाने की बढ़ती चिंता

सड़क हादसे केवल वाहन चालकों की लापरवाही के कारण होते हैं। रोड इंजीनियरिंग की खराबी और खराब सड़कें भी जिम्मेदार हैं लेकिन वाहन चालक की गलतियों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या सबसे अधिक है। प्रतिवर्ष करीब पौने दो लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी मारे जाते हैं। यही वजह है कि मंत्रालय बच्चों के साथ यात्रा के दौरान यातायात नियमों के उल्लंघन को गंभीरता से देख रहा है और ऐसे चालक को कड़ी सजा देने की योजना बना रहा है।

प्रस्ताव के मुख्य बिंदु:

  • अगर कोई वाहन चालक ट्रैफिक नियम तोड़ता है और उस वक्त वाहन में बच्चे होते हैं तो जुर्माना दोगुना किया जाएगा।

  • यह नियम निजी वाहन और स्कूल बसों दोनों पर लागू होगा। वाहन मालिक और ड्राइवर दोनों जिम्मेदार होंगे।

  • बार-बार नियम तोड़ने वालों की पहचान के लिए मेरिट-डीमेरिट प्वाइंट सिस्टम लागू किया जाएगा।

  • नियम तोड़ने पर लाइसेंस पर नेगेटिव अंक जुड़ेंगे। अगर डीमेरिट अंक अधिक हो गए तो लाइसेंस अस्थायी या स्थायी रूप से रद्द किया जा सकता है।

  • वाहन चालकों को उनकी ड्राइविंग क्षमता सुधारने के लिए लाइसेंस नवीनीकरण के समय मेरिट-डीमेरिट अंक देखे जाएंगे। अधिक डीमेरिट अंक होने पर पुनः ड्राइविंग टेस्ट देना जरूरी होगा।

  • इस सिस्टम से इंश्योरेंस प्रीमियम में भी सुधार और जुर्माना वसूली की पारदर्शिता बढ़ेगी।

मेरिट-डीमेरिट प्वाइंट सिस्टम से क्या होगा फायदा?

यह सिस्टम नियम उल्लंघन के खिलाफ एक प्रभावी हथियार साबित होगा। जब वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके लाइसेंस में नेगेटिव अंक जुड़ेंगे। एक सीमा से अधिक अंक जमा होने पर उसका ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त हो सकता है। इससे चालकों में सावधानी बढ़ेगी और नियमों का पालन होगा। यह प्वाइंट सिस्टम सड़क सुरक्षा के लिए भारत में पहली बार प्रस्तावित किया गया है। इससे सड़क हादसों में कमी आने की उम्मीद है। साथ ही यह प्रणाली चालकों की ड्राइविंग क्षमता का आंकलन भी करेगी।

ड्राइविंग टेस्ट की आवश्यकता और सख्ती

नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वालों को अब ड्राइविंग टेस्ट दोबारा देना होगा। यह कदम चालकों की जागरूकता बढ़ाने और ट्रैफिक नियमों के प्रति उनकी जवाबदेही तय करने के लिए उठाया गया है। इसका मतलब है कि कोई भी वाहन चालक अगर नियमों का पालन नहीं करता तो न केवल जुर्माना बढ़ेगा बल्कि लाइसेंस के लिए भी खतरा होगा। इससे ड्राइविंग नियमों की गंभीरता बढ़ेगी और सड़क सुरक्षा बेहतर होगी।

विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया और चुनौतियां

सरकार के इस प्रस्ताव की विशेषज्ञों ने सराहना की है। लेकिन कई विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि नियम बनाना आसान है, पर इसे धरातल पर लागू कर पाना बड़ी चुनौती है। कई राज्यों में सड़क सुरक्षा सुधार के लिए अभी तक पर्याप्त सहयोग नहीं मिला है। फिर भी मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों को इस प्रस्ताव पर फीडबैक के लिए भेज दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही यह नियम लागू होंगे और सड़क सुरक्षा बेहतर होगी।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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