इस राज्य सरकार की नई योजना, बच्चों के माता-पिता को मिलेंगे इतने रूपए
punjabkesari.in Friday, Jul 18, 2025 - 05:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा को बढ़ावा देने और बच्चों को स्कूल से दूर न रहने देने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 6 से 14 साल के बच्चों के माता-पिता को आर्थिक मदद दी जाएगी ताकि वे अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए आवश्यक चीजें जैसे यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्टेशनरी और किताबें खरीद सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार यह राशि सीधे माता-पिता के बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी जाएगी।
योजना का मकसद और पात्रता
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों की मदद करना है जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने में आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। खासकर उन बच्चों के माता-पिता जो 6 से 14 वर्ष की उम्र के हैं और या तो अभी तक स्कूल जाना शुरू नहीं कर पाए हैं या फिर स्कूल छोड़ चुके हैं। सरकार का लक्ष्य है कि ऐसे परिवारों की पहचान करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि वे अपने बच्चों को फिर से स्कूल भेज सकें।
किन बच्चों के माता-पिता को मिलेगा फायदा?
इस योजना का लाभ केवल उन बच्चों के माता-पिता को मिलेगा जिनकी उम्र 6 से 14 वर्ष के बीच है। इसमें विशेष रूप से उन बच्चों के माता-पिता शामिल हैं जो अभी तक स्कूल जाना शुरू नहीं कर पाए हैं या फिर स्कूल छोड़ चुके हैं। इसके अलावा, यह योजना खासकर उन बच्चों के लिए है जो सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे अपने बच्चों की शिक्षा में मदद कर सकें।
आर्थिक सहायता की राशि और वितरण प्रक्रिया
यूपी सरकार ने घोषणा की है कि हर बच्चे के अभिभावकों को 1200 रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी। यह रकम बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी जरूरतों जैसे यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्टेशनरी और किताबें खरीदने में काम आएगी। यह राशि हर महीने नहीं, बल्कि केवल एक बार ही प्रदान की जाएगी। भुगतान सीधे माता-पिता के बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किया जाएगा। इससे पैसे के ट्रांसफर में पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी।
योजना की खासियत और लाभ
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए बड़ी मदद साबित होगी। इससे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या कम होने की संभावना बढ़ेगी। खासकर ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यह योजना एक बड़ी राहत होगी। इसके साथ ही शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और बच्चों की पढ़ाई में आने वाली कई बाधाएं भी कम होंगी।
योजना के लिए जरूरी शर्तें और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ पाने के लिए बच्चे की उम्र 6 से 14 वर्ष के बीच होनी चाहिए। बच्चा सरकारी स्कूल में नामांकित हो या फिर ड्रॉपआउट हो चुका हो, दोनों ही स्थिति में इसके माता-पिता इस योजना के अंतर्गत आ सकते हैं। साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होना आवश्यक है। योजना का लाभ पाने के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार ऐसे परिवारों की पहचान कर ली जाएगी। इसके लिए लाभार्थियों को अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सरकार स्वयं लाभार्थियों की सूची तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षा ही विकास की कुंजी है। सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि हर बच्चा स्कूल जाए और अच्छे से पढ़ाई कर सके। इस योजना के जरिए आर्थिक बाधाओं को दूर कर बच्चों को पढ़ाई के रास्ते पर लाया जाएगा। उन्होंने परिवारों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें और इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।