बड़ी लापरवाही: सरकारी ब्लड बैंक में फैला HIV, इतने बच्चे हुए संक्रमित

punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 08:49 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल के सरकारी ब्लड बैंक से चढ़ाए गए रक्त के कारण चार मासूम बच्चों के एचआईवी संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। हैरानी की बात यह है कि मामला सामने आए चार महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न तो जिम्मेदारों पर ठोस कार्रवाई हुई और न ही संक्रमण फैलाने वाले रक्तदाताओं की पहचान हो सकी है।

इन चारों बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित हैं और नियमित रूप से उन्हें रक्त चढ़ाया जाता रहा है। हाल ही में रूटीन मेडिकल जांच के दौरान ये सभी बच्चे HIV positive पाए गए। जांच के बाद जब उनके माता-पिता की भी HIV Testing कराई गई, तो सभी अभिभावक निगेटिव निकले। परिवार में पहले से किसी तरह के संक्रमण का कोई इतिहास नहीं मिला, जिससे साफ संकेत मिलता है कि वायरस का स्रोत रक्त चढ़ाने की प्रक्रिया ही रही।

 स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार, यदि किसी मरीज में HIV की पुष्टि होती है तो उसे रक्त देने वाले सभी दाताओं की चेन लाइन बनाकर उनकी जांच अनिवार्य होती है। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन, ब्लड बैंक और एचआईवी नियंत्रण के लिए बनाए गए आईसीटीसी सेंटर की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। Blood Bank प्रबंधन का दावा है कि रक्तदाताओं की पूरी जानकारी आईसीटीसी सेंटर को सौंप दी गई थी, लेकिन वहां से स्क्रीनिंग हुई या नहीं, इसकी कोई आधिकारिक रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है। दूसरी ओर, आईसीटीसी सेंटर इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी कहने से बच रहा है।

आशंका सिर्फ चार बच्चों तक सीमित नहीं
जानकारों का मानना है कि यह मामला केवल चार बच्चों तक सीमित नहीं हो सकता। इसी ब्लड बैंक से गर्भवती महिलाओं समेत कई अन्य मरीजों को भी रक्त दिया गया है, जिनमें से कई इलाज के बाद दोबारा अस्पताल नहीं लौटे। आशंका जताई जा रही है कि उनमें से कुछ लोग भी अनजाने में एचआईवी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।

रक्तदाता अब भी अज्ञात
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल ने स्वीकार किया है कि चार बच्चों में एचआईवी की पुष्टि हुई है। उनका कहना है कि मल्टीपल ब्लड ट्रांसफ्यूजन के चलते ऐसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि रक्तदाताओं की पूरी चेन लाइन कई महीने पहले आईसीटीसी सेंटर को सौंप दी गई थी। कुछ रक्तदाताओं की जांच स्वयं कराई गई, लेकिन अब तक किसी भी एचआईवी पॉजिटिव रक्तदाता की पहचान नहीं हो सकी है।

 


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Content Editor

Anu Malhotra

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