रोहिंग्याओं में भय फैलाने के लिए यूएन ने म्यांमार की सेना को किया ब्लैकलिस्ट

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 08:17 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहली बार म्यांमार की सेना को बलात्कार और यौन हिंसा की अन्य करतूतों के कारण ब्लैक लिस्ट कर दिया है। यूएन ने सबूतों के आधार पर म्यांमार की सेना को सरकार और विद्रोही समूहों की सूची में डाला है।

मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तौर पर हुई परेशानी
यूएन महासचिव ने सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मेडिकल टीम और बांग्लादेश में मौजूद लोगों ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। जिसमें म्यांमार से पलायन करने वाले लगभग 7 लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने हिंसक यौन उत्पीड़न के कारण मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तौर पर परेशानी हुई है।

महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस तरह के हमलों को अक्टूबर 2016 और अगस्त 2017 में सैन्य अभियान के दौरान कथित रूप से म्यांमार की सेना द्वारा प्रायोजित किया गया था। इसके लिए वह कई बार स्थानीय सेना के साथ मिलकर काम करते थे। गुटेरेस ने कहा कि बड़े स्तर पर भय फैलाना, यौन हिंसा करना इस रणनीति का अहम हिस्सा था।

म्यांमार सेना ने किया घर-बार छोड़ने को मजबूर
म्यांमार सेना रोहिंग्या मुसलमान को अपमानित करने, आतंकित करने और उन्हें परेशान करने के लिए सोची समझी साजिश के तहत उठाया गया कदम था। जिससे कि वह अपने घर बार को छोड़ने पर मजबूर हो सके और उनको देश वापस आने से रोका जा सके।

रोहिंग्याओं के पास नहीं है किसी देश की नागरिकता
बौद्ध धर्म को मानने वाला देश म्यांमार रोहिंग्याओं को एक नस्लीय समूह मामता है और कहता है कि वह बांग्लदेश से आए प्रवासी बंगाली हैं। जो देश में अवैध तरीके से रह रहे हैं। म्यांमार ने उन्हें नागरिकता नहीं दी है और उनके पास किसी देश की नागरिकता भी नहीं है।


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Yaspal

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