उमा भारती का BJP पर हमला: ''मेरे परिवार ने राजनीति के कारण खूब प्रताड़ना झेली, शायद ही किसी बड़े नेता ने ये प्रताड़ना झेली हो’
punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 11:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई हैं। इस बार उन्होंने अपने परिवार के बहाने अपनी ही पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कुछ पारिवारिक संस्मरण साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि राजनीति में उनके सक्रिय होने के कारण उनके परिवार को भारी कीमत चुकानी पड़ी है।
मेरे परिवार ने बहुत कष्ट उठाया-
उमा भारती ने भावुक होकर लिखा, "मेरे परिवार ने राजनीति के कारण बहुत कष्ट उठाया है। शायद ही प्रदेश के बड़े पदों पर बैठे नेताओं के परिवार ने इतना कष्ट उठाया हो।" उन्होंने आगे कहा कि चाहे सरकार कांग्रेस की रही हो या भाजपा की उनकी राजनीतिक सक्रियता की वजह से उनके परिवार को "खूब प्रताड़ना" झेलनी पड़ी है। यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उमा भारती खुद भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं और पूर्व में मुख्यमंत्री पद भी संभाल चुकी हैं।
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जनसंघ से जुड़े परिवार का दर्द-
उमा भारती ने अपने परिवार के भाजपा से पुराने जुड़ाव का भी ज़िक्र किया। उन्होंने लिखा, "मेरा परिवार तो जनसंघ के समय से भाजपा में है। राहुल और सिद्धार्थ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बाल स्वयंसेवक थे, तब मैं राजनीति से कोसों दूर थी। मेरा परिवार जनसंघ से जुड़ा था।" उन्होंने इशारों-इशारों में पार्टी पर परिवार की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। उमा भारती ने कहा कि अगर भाजपा ने उन्हें चुनाव नहीं लड़ाया होता, तो उनके भाई और भतीजे बहुत पहले सांसद या विधायक बन गए होते।
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बुंदेलखंड में सामंती शोषण और भाजपा-
पूर्व मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र की समस्याओं को भी अपनी बात से जोड़ा। उन्होंने लिखा कि बुंदेलखंड में सामंती शोषण का आतंक इतना गहरा था कि "भाजपा के राज्य में भी उसकी जड़ें नहीं उखड़ पाई थीं।" यह टिप्पणी राज्य में पार्टी के शासनकाल के दौरान भी कुछ क्षेत्रों में व्याप्त समस्याओं की ओर इशारा करती है।
उमा भारती के इस बयान को पार्टी के भीतर उनके असंतोष के रूप में देखा जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी पार्टी इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और आने वाले समय में इस मुद्दे पर और क्या राजनीतिक हलचल देखने को मिलती है।