ब्रिटेन चुनाव में भारतीय व पाक मूल के उम्मीदवारों की जीत का आंकड़ा रहा बराबर

punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2019 - 02:51 PM (IST)

लंदनः ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में रिकार्ड भारतीयों की जीत ने साबित कर दिया है कि ब्रिटिश राजनीति में भारतीयों का दबदबा बढ़ रहा है। चुनाव में भारत के समर्थक ब्रिटिश प्रधानमंत्री को ऐतिहासिक जीत मिली और इसमें भारतीय वोटरों ने अहम भूमिका निभाई। अब बोरिस जॉनसन की नई सरकार में गृह मंत्री पद के लिए जो नाम सबसे आगे चल रहा है वह भी एक भारतीय मूल की महिला का है । ब्रेग्जिट को लेकर आकस्मिक हुए चुनाव में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आम चुनाव में शुक्रवार की बहुमत मिला है।  जॉनसन की जीत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई दी। बोरिस ने 650 में से 326 सीटों पर निचली सदन में जीत दर्ज की है, इसका मतलब ये है कि उन्हें मात नहीं दी जा सकती है।  इन चुनावों में खास बात यह रही कि भारत और पाक मूल के उम्मीदवारों कीजीत का आंकड़ा बराबर रहा। 

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इन भारतीयों ने जीता चुनाव
चुनाव में  कुल 15 भारतीय जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय मूल के सांसदों का कुनबा बढ़ गया है। भारतीय मूल के 11 सांसद दोबारा चुनाव जीतने में सफल रहे। चार नए चेहरे भी संसद पहुंचे हैं। 2017 के चुनाव में 12 भारतवंशी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। पहली बार चुनाव जीतने वालों में गगन मो¨हदर, क्लेयर कूटिन्हो, नवेंद्रु मिश्रा और मुनीरा विल्सन हैं। मोहिंदर ने कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर हार्टफोर्डशायर साउथ वेस्ट सीट से जीत दर्ज की। नवेंद्रु लेबर पार्टी से स्टॉकपोर्ट सीट से चुनाव जीते हैं। जबकि विल्सन लिबरल डेमोक्रेट्स के टिकट पर साउथ-वेस्ट लंदन की सीट से निर्वाचित हुई। आसान जीत के साथ दोबारा संसद पहुंचने वाले भारतीय मूल के कंजरवेटिव उम्मीदवारों में प्रीति पटेल भी शामिल हैं। इसी पार्टी से इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक और आलोक शर्मा भी दोबारा संसद पहुंचे।

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शैलेस वारा ने नॉर्थ वेस्ट कैंब्रिजशायर और गोवा मूल की सुएला ब्रावरमैन ने फेयरहम सीट से जीत दर्ज की। पिछले चुनाव में पहली सिख महिला के तौर पर संसद पहुंचने का रिकार्ड बनाने वाली प्रीत कौर गिल बर्मिघम एजबेस्टन सीट से फिर चुनी गई हैं। तनमनजीत सिंह ढेसी दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड की स्लफ सीट से भारतीय मूल के ही कंजरवेटिव उम्मीदवार कंवल तूर गिल को हराकर दोबारा संसद पहुंचे। वीरेंद्र शर्मा ने ईलिंग साउथहाल सीट से आसान जीत दर्ज की। लीजा नंदी विगान सीट और सीमा मल्होत्रा फेल्थम एंड हेस्टन सीट से दोबारा निर्वाचित हुई। पूर्व सांसद कीथ वाज की बहन वेलरी वाज ने वाल्सल साउथ सीट पर भारतीय मूल के कंजरवेटिव उम्मीदवार गुरजीत बैंस को परास्त किया।

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रिकार्ड ब्रिटिश-पाकिस्तानी भी चुनाव में हुए विजयी
इन चुनावों के दौरान ब्रिटिश-पाकिस्तानी नेताओं नेनाटकीय व रिकार्ड जीत दर्ज की। हालाँकि लेबर पार्टी ने कुल मिलाकर खराब प्रदर्शन किया लेकिन ब्रिटिश-पाकिस्तानियों ने 10 सीटें लेबर और सिर्फ 5 सीटें कंजरवेटिव पार्टी के लिए जीतीं। लेबर पार्टी के सफल उम्मीदवारों में ब्रैडफोर्ड से नाज़ शाह, बर्मिंघम से खालिद महमूद, साउथ बोल्टन से यास्मीन कुरैशी, मैनचेस्टर गोरटन से अफ़ज़ल ख़ान, बर्मिंघम हॉल ग्रीन से ताहिर अली, बेडफोर्ड से मुहम्मद नसीन, ब्रैडफोर्ड ईस्ट से इमरान हुसैन, कोवेंट्री से ज़ारा सुल्ताना शामिल थे।
 


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Tanuja

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