ट्रंप का भारत पर बड़ा हमला: 25% अतिरिक्त टैरिफ का किया ऐलान ! कहा-अब अमेरिका चुप नहीं बैठेगा

punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 08:02 PM (IST)

Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति  डोनाल्ड ट्रंप  ने भारत पर एक और आर्थिक प्रहार करते हुए 25% अतिरिक्त यानि 50% टैरिफ  लगाने की घोषणा कर दी है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिका पहले ही चीन, यूरोप और अन्य देशों के साथ टैरिफ वॉर  की स्थिति में है। अब भारत को भी इस वैश्विक आर्थिक युद्ध का सीधा असर झेलना होगा।रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका यह अतिरिक्त शुल्क मुख्य रूप से भारत से आयातित स्टील, इलेक्ट्रॉनिक सामान, ऑटो पार्ट्स और केमिकल उत्पादों  पर लगाएगा। इससे दोनों देशों के बीच  $100 बिलियन से अधिक के व्यापार पर असर पड़ सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में कहा "हम निष्पक्ष व्यापार चाहते हैं। भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर कई सालों से ऊंचे टैक्स लगाए हैं। अब अमेरिका चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा भारी टैक्स से हमें लूटा अब हमारी बारी है।" उनका इशारा भारत की उन नीतियों की तरफ था जो ट्रंप के अनुसार "अमेरिकी कंपनियों के लिए नुकसानदायक" हैं।

 

कब से लागू होगा यह टैक्स?
यह नया टैरिफ आदेश की तारीख के 21 दिन बाद, यानी सुबह 12:01 बजे (ईस्टर्न टाइम) से लागू होगा। हालांकि, उन वस्तुओं पर यह शुल्क नहीं लगेगा जो 21 दिन की समयसीमा से पहले ही जहाज़ पर लोड होकर अमेरिका के लिए रवाना हो चुकी हों, और जो 17 सितंबर 2025 से पहले अमेरिका में पहुंच जाएं और सीमा शुल्क में दाखिल की जाएं।

 

भारत क्यों  निशाने पर?
ट्रंप प्रशासन का दावा है कि भारत ने रूस से तेल का आयात प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जारी रखा है, जबकि अमेरिका ने यूक्रेन पर हमले के चलते रूस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रंप ने कहा कि "रूस की गतिविधियाँ अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। भारत जैसे देश जो अभी भी रूसी तेल खरीद रहे हैं, उन्हें आर्थिक रूप से जवाब देना ज़रूरी है।"

 

किन वस्तुओं पर होगा असर?
यह टैरिफ भारत से आने वाली लगभग सभी वस्तुओं पर लागू हो सकता है, जब तक वे किसी अन्य विशेष छूट या कानून के तहत न आती हों। हालांकि, अगर कोई वस्तु पहले से ही Trade Expansion Act 1962 की धारा 232 के तहत किसी कार्रवाई के दायरे में है, तो उस पर यह नया टैक्स नहीं लगेगा। भारत सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय दोनों इस मुद्दे पर  गंभीर समीक्षा  कर रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत WTO या द्विपक्षीय बातचीत  का रास्ता चुन सकता है।


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Content Writer

Tanuja

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