पहले पूछा मज़हब, फिर आतंकियों ने मासूमों को मारी गोलियां, इजरायल के हमास हमले जैसा पैटर्न अपनाया TRF ने

punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 01:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पहलगाम की बैसरन घाटी, जो अपनी हरी-भरी पहाड़ियों और देवदार के जंगलों के लिए प्रसिद्ध है, अब खून और आंसुओं से सनी हुई है। आतंकवादियों घाटी में आए पर्यटकों को अपने हमले का शिकार बनाया है।  

आतंकियों ने सैलानियों को निशाना बनाया
22 अप्रैल को आतंकवादियों ने पर्यटन स्थल पर घातक हमला किया। यह हमला विशेष रूप से निर्दोष सैलानियों पर हुआ। आतंकवादियों ने उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी। इस हमले में 28 मासूम लोगों की जान चली गई। हमला कश्मीर के बैसरन घाटी के उस हिस्से में हुआ, जहां परिवार घुड़सवारी का आनंद ले रहे थे।

मजहब के आधार पर हुआ हमला
आतंकी समूह TRF, जो पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त करता है, ने सैलानियों से उनके धर्म के बारे में पूछा और फिर उनका नरसंहार किया। यह हमला इजरायल के 7 अक्टूबर 2023 के हमले जैसा था, जब हमास के आतंकवादियों ने भी नागरिकों को धर्म के आधार पर निशाना बनाया था।

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हमले की योजना और रणनीति
सूत्रों के अनुसार, हमलावरों ने पहले से ही इलाके की रेकी की थी। उनका उद्देश्य घाटी में बढ़ते पर्यटन और सामान्य होते हालात को नुकसान पहुंचाना था। ये हमले आतंकवादियों की हताशा और उनके गहरे जिओ-पॉलिटिकल उद्देश्यों को दर्शाते हैं।

समाज पर असर और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
यह हमला जम्मू-कश्मीर के पुनर्निर्माण और स्थिरता के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है। इसी तरह, इजरायल में भी हमास द्वारा किए गए हमले ने पूरे क्षेत्र में आतंकवाद और अस्थिरता को बढ़ावा दिया। इजरायल ने इसके जवाब में गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के बढ़ते कदम
जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में पर्यटन और सामान्य जीवन में सुधार देखा जा रहा था, लेकिन इस हमले ने आतंकवादियों के उद्देश्य और उनके अस्तित्व को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन हमलों का उद्देश्य इलाके में अस्थिरता फैलाना था।

 


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News Editor

Radhika

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