‘बच्चों के सामने पिता को मारी गोली, छुट्टियों की खुशियां मातम में बदलीं’ - पहलगाम आतंकी हमले में IB अफसर की दर्दनाक मौत

punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 08:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले ने न सिर्फ 26 निर्दोष जानें लीं, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। उन्हीं में से एक था मनीष रंजन का परिवार। हैदराबाद में खुफिया विभाग में कार्यरत मनीष रंजन अपनी पत्नी और बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम आए थे। पर किसी ने सोचा भी नहीं था कि परिवार के साथ बिताया यह पल उनकी जिंदगी का आखिरी लम्हा साबित होगा।

बच्चों के सामने पिता को मारी गोली
बैसरन की हरी-भरी वादियों में जहां पर्यटक घुड़सवारी और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले रहे थे, वहीं आतंक का काला साया भी मंडरा रहा था। जब हमला हुआ, मनीष रंजन अपने परिवार के साथ वहीं मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले पहचान पूछी और फिर मनीष को उनके परिवार के सामने ही गोलियों से छलनी कर दिया। बिहार के मूल निवासी मनीष रंजन इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के हैदराबाद कार्यालय में मंत्रिस्तरीय विंग में तैनात थे।

Deeply anguished by the terrorist attack on innocent tourists in Pahalgam, Jammu and Kashmir. I condemn this senseless act of violence in the strongest terms. My heartfelt condolences to the families who have lost their loved ones, and I pray for the speedy recovery of those…

— N Chandrababu Naidu (@ncbn) April 22, 2025

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने जताया शोक
मनीष की हत्या की खबर फैलते ही तेलंगाना में शोक की लहर दौड़ गई। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इस हमले को "कायराना और अमानवीय" करार देते हुए कहा कि "इस तरह की घटनाएं भारत की आत्मा को झुका नहीं सकतीं।" उन्होंने केंद्र सरकार से हमले में शामिल आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा: "जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से आहत हूं। निर्दोष पर्यटकों की हत्या का यह कृत्य कायरता की पराकाष्ठा है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"

पर्यटन की तस्वीर पर फिर से खिंची खून की लकीर
‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कही जाने वाली बैसरन घाटी एक बार फिर आतंक के साए में सिसकने लगी है। मनीष रंजन जैसे तमाम पर्यटक जो सुकून की तलाश में आए थे, उन्हें मौत मिली। यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति या एक परिवार पर नहीं, बल्कि कश्मीर की उस बदली हुई तस्वीर पर हमला है जिसे लेकर लोग धीरे-धीरे भरोसा करने लगे थे।


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Content Writer

Anu Malhotra

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