मानसरोवर यात्रा बीच में ही छोड़कर वापिस लौट रहे यात्री

punjabkesari.in Tuesday, Aug 07, 2018 - 04:30 PM (IST)

नैनीताल: देश की ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा में यात्रियों में असंतोष पनपने लगा है और यात्री बीच में यात्रा को छोड़कर वापस आने लगे हैं। अभी तक सात यात्री अपनी यात्रा बीच में छोड़कर वापस लौट आए हैं। सूत्रों के अनुसार पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से कैलाश यात्रा में गतिरोध बना हुआ है लेकिन विदेश मंत्रालय ने यात्रा को लेकर आंखें मूंद रखी हैं। यात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं। इससे यात्रियों में असंतोष बना हुआ है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने तब कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) एवं पिथौरागढ़ के जिला प्रशासन की बात को भी गंभीरता से नहीं लिया। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 1981 से कैलाश मानसरोवर यात्रा का संयोजन करने वाली कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के शीर्ष अधिकारियों ने विदेश मंत्रालय के समक्ष इस व्यावहारिक कठिनाई को रखा था लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों ने इनकी बात को खास तवज्जो नहीं दी।

केएमवीएन के अधिकारियों ने यात्रा को पिथौरागढ़ से गूंजी के बजाय धारचूला से बूंदी के रास्ते संचालित कराने की बात रखी थी। साथ ही नौ सेना के बड़े हेलीकाप्टरों के बजाए छोटे हेलीकाप्टरों से यात्रा संचालित करने की मांग की थी। इसका कारण यह था कि नौ सेना के बड़े हेलीकाप्टरों को बूंदी में उतरने में कठिनाई होती है इसलिये यात्रा में छोटे हेलीकाप्टरों को प्रयोग किया जाए। इससे उच्च हिमालयी क्षेत्र छियालेख में हमेशा मौसम खराब रहने की समस्या से भी निजात मिल जाती और यात्रा निर्बाध रूप से संचालित होती।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कैलाश मानसरोवर के सैकड़ों यात्री पांच जगह फंसे हुए हैं। कैलाश से लौटने वाला सातवां दल गूंजी में फंसा हुआ है। उसके 33 यात्री पिछले दो सप्ताह से गूंजी में हेलीकाप्टर के आने का इंतजार कर रहे हैं जबकि कुछ यात्री पिथौरागढ़ में अपने साथियों का इंतजार में हैं। यात्रा का पूरा कार्यक्रम बिगडऩे से तमाम व्यावहारिक दिक्कतें भी आने लगी हैं। यात्रियों का वीजा का समय खत्म होने के कारण दल के लाइजनिंग अधिकारियों को समय बढ़वाने के लिए दिल्ली की दौड़ लगानी पड़ रही है।


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Seema Sharma

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