'भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है, लेकिन लोगों को कोई राहत नहीं'
punjabkesari.in Monday, Nov 04, 2024 - 07:14 PM (IST)
नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखले ने सोमवार को कहा कि रूस से ‘सस्ता' तेल खरीदने से भारतीय तेल कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ है, लेकिन इसका फायदा लोगों को नहीं मिल रहा क्योंकि देश में ईंधन की कीमतें अभी भी ‘आसमान छू' रही हैं। टीएमसी के राज्यसभा सदस्य गोखले ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि मोदी सरकार को बताना चाहिए कि रूस से खरीदे जा रहे सस्ते तेल का फायदा आम लोगों तक क्यों नहीं पहुंच रहा है। गोखले ने कहा, “भारत में ईंधन की कीमतों के पीछे बेहद शर्मनाक सच्चाई। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए थे। नतीजतन, रूस को प्रतिबंधों के अनुसार 60 डॉलर प्रति बैरल से कम की दर पर कच्चा तेल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
उन्होंने कहा, “भारत रूसी तेल का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। पिछले 2.5 वर्षों से भारत रूसी तेल 25 प्रतिशत की छूट पर खरीद रहा है - बाजार मूल्य से 50 प्रतिशत कम, लेकिन इससे किसे फायदा हुआ है?” गोखले ने कहा कि भारत अब यूरोप को रिफाइन पेट्रोलियम का सबसे बड़ा निर्यातक है। टीएमसी सांसद गोखले ने कहा, “मूलतः, हम रूसी तेल का “शोधन' (लॉन्ड्रिंग) कर रहे हैं। चूंकि यूरोप सीधे रूस से तेल नहीं खरीद सकता, इसलिए हम रूसी तेल आयात करते हैं, उसे पेट्रोल और डीजल में रिफाइन करते हैं और यूरोप को बेचते हैं।”
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उन्होंने कहा, “इससे भारतीय निजी पेट्रोलियम कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ है - जिनके मालिक मोदी के बेहद करीबी कॉरपोरेट हैं। हालांकि, तेल के 25-50 फीसदी सस्ती दर पर आयात करने के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब-करीब कोई बदलाव नहीं हुआ है।” टीएमसी सांसद ने कहा, “मोदी सरकार दावा करती है कि रूसी तेल का आयात करना भारत के हित में है। लेकिन क्या भारत के हित का मतलब हमारे लोगों का कल्याण है या इसका मतलब निजी पेट्रोलियम कंपनियों के लिए अधिक मुनाफा है?” उन्होंने कहा, “यह शर्म की बात है कि मोदी सरकार द्वारा भारतीय लोगों को लूटा जा रहा है और सस्ती दर पर रूस से तेल आयात करने से उन्हें कोई लाभ नहीं है तथा उन्हें ईंधन की आसमान छूती कीमतें चुकाने पर मजबूर किया जा रहा है।”
The extremely shameful truth behind fuel prices in India:
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) November 4, 2024
In Feb 2022, sanctions were imposed on Russia by the West after its invasion of Ukraine. As a result, Russia was forced to sell crude oil at a rate of below $60/barrel as mandated by the sanctions.
India emerged as the… pic.twitter.com/C8cjEecNzt
गोखले ने कहा कि मोदी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि रूस से सस्ती दर पर तेल आयात करने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी क्यों नहीं आई है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) की अगस्त में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक देश भारत ने जुलाई में रूस से 2.8 अरब डॉलर मूल्य का कच्चा तेल खरीदा। रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन युद्ध से पहले के दौर में भारत अपने कुल आयातित तेल में से एक प्रतिशत से भी कम तेल रूस से खरीदा था, लेकिन अब भारत अपनी कुल तेल खरीद का लगभग 40 प्रतिशत रूस से आयात करता है।