स्कूल के भारी बस्ते से तंग 2 छात्रों ने अपनी व्यथा बताने के लिए बुलाई प्रैस कांफ्रैंस

punjabkesari.in Tuesday, Aug 23, 2016 - 01:36 PM (IST)

चन्द्रपुर: स्कूल के भारी बस्ते के बोझ से लदे सातवीं कक्षा के दो छात्रों ने पांच-सात किमी से अपने कंधों पर भारी बस्ता लटकाकर पढऩे के लिए आने वाले छात्रों की दुर्दशा बयान करने के लिए यहां एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया है। स्थानीय प्रैस क्लब में जुटे पत्रकार उस समय अचंभे में पड़ गए, जब स्थानीय विद्या निकेतन स्कूल के दो छात्र अंदर आए और उन्होंने भारी बस्ते के कारण रोजाना होने वाली कठिनाइयों पर एक संवाददाता सम्मेलन करने की इच्छा जाहिर की।

करीब 12 साल के बच्चों ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें प्रतिदिन आठ विषयों की कम से कम 16 किताबें ले जानी पड़ती हैं और कई बार स्कूल में उस दिन पढ़ाए जाने वाले विषयों के आधार पर इन किताबों की संख्या बढ़कर 18 से 20 तक पहुंच जाती है। हमारा स्कूल बस्ता पांच से सात किलो का होता है और उसे तीसरी मंजिल पर स्थित कक्षा तक ले जाना बहुत थकाऊ होता है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमने अपने प्रधानाचार्य को एक-दो बार स्कूल के बस्ते का बोझ कम करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया था लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।’’

उन्होंने कहा कि कई बार अभिभावक अपने बच्चों की मदद करते हैं और उनके बस्ते को कक्षा तक पहुंचा देते हैं। उल्लेखनीय है कि बंबई उच्च न्यायालय ने इस साल की शुरआत में एक समिति की सिफारिशों के आधार पर महाराष्ट्र सरकार को स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया था कि उन्होंने भी विद्यालय के प्रधानाचार्यों और विद्यालय प्रबंधन को न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन करने की जिम्मेदारी दी है और इन नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।


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