जातीय संघर्ष की चपेट में फिर आया मणिपुर, एटी नेता की गिरफ्तारी के विरोध में युवाओं ने पेट्रोल डालकर दी आत्मदाह की धमकी
punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 11:06 AM (IST)

नेशलन डेस्क: मणिपुर की राजधानी इंफाल एक बार फिर अशांत है। शनिवार रात को यहां उस वक्त बवाल मच गया जब सुरक्षा बलों ने मैतेई समुदाय से जुड़े स्वयंसेवी संगठन अरामबाई टेंगोल (एटी) के नेता कनन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के विरोध में युवाओं ने सड़कों पर उतरकर हंगामा शुरू कर दिया। पेट्रोल से भरी बोतलें हाथ में लेकर उन्होंने खुद को आग लगाने की धमकी दी। प्रदर्शन ने इस कदर हिंसक रूप ले लिया कि कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी जैसी सख्त कार्रवाई करनी पड़ी। इंफाल में प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने अपने सिर पर पेट्रोल डाला और मीडिया के सामने साफ कहा कि अगर हमें ऐसे ही गिरफ्तार किया जाता रहा तो हम खुद को जला लेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा "हमने हथियार डाल दिए हैं। बाढ़ में जो करना था वो हमने किया। अब आप हमें पकड़ रहे हैं। हम खुद को मार देंगे।"
Arambai Tenggol cadres have threatened to self-immolate following the arrest of their NIA-wanted army chief, Kanan, along with four senior members, including Volen and Marcus. Several injuries have reportedly occurred due to alleged police brutality during the crackdown.… pic.twitter.com/5Xai4ds18N
— Maj Digvijay Singh Rawat, Kirti Chakra (@Dig_raw21) June 7, 2025
कौन है कनन सिंह और क्यों हुई गिरफ्तारी
कनन सिंह पहले मणिपुर पुलिस की कमांडो यूनिट में हेड कांस्टेबल था, लेकिन फरवरी 2024 में ड्यूटी में लापरवाही के चलते उसे सस्पेंड कर दिया गया। बाद में वह एटी में शामिल हो गया। उस पर दो बड़े आरोप हैं-
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पुलिस अधिकारी मोइरंगथेम अमित के घर पर हमला
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का अपहरण
इन दोनों घटनाओं के बाद से वह जांच एजेंसियों के निशाने पर था और अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद इंफाल में हिंसा और तनाव बढ़ता देख प्रशासन ने बिष्णुपुर, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल और काकचिंग जिलों में पांच दिन का कर्फ्यू लगा दिया है। इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहें न फैलें। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए और कई रास्तों को जाम कर दिया। कुछ इलाकों में गोलियों की आवाज सुनाई देने की भी सूचना मिली है। फिलहाल पुलिस और अर्धसैनिक बल इलाके में गश्त कर रहे हैं।
अरामबाई टेंगोल: स्वयंसेवी या सशस्त्र गिरोह?
अरामबाई टेंगोल (एटी) खुद को एक सांस्कृतिक संगठन बताता है लेकिन उस पर कुकी जनजातियों के गांवों पर हमलों और हथियारों की लूट जैसे गंभीर आरोप हैं। मई 2023 में जब मणिपुर में जातीय हिंसा भड़की थी, तब एटी ने खुद को "ग्राम स्वयंसेवक" घोषित करते हुए हथियार उठा लिए थे। हाल ही में राज्यपाल एके भल्ला ने जब सभी अवैध हथियार लौटाने का आदेश दिया, तो एटी ने भी अपनी तरफ से आग्नेयास्त्र सौंपे। इसके बाद बाढ़ राहत कार्य में एटी के सदस्य भी सक्रिय दिखे। लेकिन कनन सिंह की गिरफ्तारी ने संगठन की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मोरेह में कुकी जनजातियों का बड़ा विरोध
एक तरफ इंफाल में मैतेई समुदाय का गुस्सा भड़का है, तो दूसरी तरफ सीमावर्ती शहर मोरेह में कुकी जनजाति का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला है। यहां कामगिंगथांग गंगटे नामक संदिग्ध उग्रवादी की गिरफ्तारी को लेकर गुस्सा फूटा है। कामगिंगथांग गंगटे कुकी नेशनल आर्मी (केएनए) का कथित नेता है और अक्टूबर 2023 में मणिपुर पुलिस अधिकारी की स्नाइपर से हत्या में मुख्य आरोपी है। केएनए ने केंद्र सरकार के साथ एसओओ (सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस) समझौता किया है। बावजूद इसके उसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर कुकी समुदाय ने विरोध किया।
पुलिस और जांच एजेंसियां उलझन में
पुलिस सूत्रों के अनुसार, राज्य में हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि किसी भी गिरफ्तारी को एक पक्ष की कार्रवाई मान लिया जाता है। मणिपुर जातीय विभाजन की चरम स्थिति में है। यही कारण है कि पुलिस को किसी भी कार्रवाई से पहले कई बार सोचना पड़ता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मणिपुर में कई मामलों की जांच कर रही है। इनमें एटी प्रमुख कोरोंगनबा खुमान के खिलाफ मामला भी शामिल है।
हथियारों से लैस 'स्वयंसेवक'
दोनों पक्षों मैतेई और कुकी ने अपने अपने गुटों को "स्वयंसेवक" बताया है। लेकिन इन स्वयंसेवकों के पास जो हथियार हैं, वे किसी भी नियमित सेना से कम नहीं हैं। इन हथियारों में शामिल हैं:
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AK और M सीरीज असॉल्ट राइफलें
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रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड
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हाई-एंड स्नाइपर राइफलें
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निगरानी ड्रोन
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मिलिट्री ग्रेड मोर्टार
म्यांमार से लौटे पुराने उग्रवादी
मणिपुर में मैतेई उग्रवादी संगठनों जैसे कि पीएलए, केवाईकेएल और केसीपी की गतिविधियाँ लंबे समय से ठप थीं। लेकिन म्यांमार में जुंटा सरकार की पकड़ कमजोर होने के बाद ये संगठन फिर से मणिपुर लौट आए हैं और सीमा के आसपास सक्रिय हो गए हैं। सिर्फ यूएनएलएफ (पाम्बेई) नाम का एकमात्र मैतेई संगठन है जिसने केंद्र सरकार के साथ समझौता कर संघर्ष विराम किया है।
कुकी समुदाय के लगभग दो दर्जन उग्रवादी संगठन हैं जो केएनओ (कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन) और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (UPF) के अंतर्गत आते हैं। ये सभी एसओओ समझौते के तहत निर्दिष्ट कैंपों में रहने और हथियार लॉक स्टोरेज में रखने की शर्त पर सहमत हैं। लेकिन इन संगठनों के कई सदस्य 2023 की हिंसा में शामिल पाए गए हैं।
मई 2023 से लेकर अब तक मणिपुर में जातीय संघर्ष ने 260 से अधिक लोगों की जान ले ली है। वहीं, करीब 50,000 लोग अपने घरों से उजड़ चुके हैं। राहत शिविरों में रहने वाले इन लोगों के लिए आज भी स्थायित्व और सुरक्षा का इंतजार है।