ट्रंप के 50% टैरिफ से हिला ये राज्य...  ₹29,400 करोड़ का बड़ा घाटा, स्थानीय कारीगरों की बड़ी चिंता

punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 03:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क : अमेरिका ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है। इस फैसले का सीधा असर अब गुजरात के चणियाचोली और हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट पर पड़ रहा है। खासकर नवरात्रि के मौके पर तैयार होने वाले चणियाचोली और टेक्सटाइल परिधान उत्पादों की बिक्री प्रभावित हो रही है।

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कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ीं

गुजरात के व्यापारी और कारीगरों का कहना है कि इस टैरिफ की वजह से उनके निर्यात (Export) में करीब 50% तक की गिरावट आ चुकी है। जिन ऑर्डर्स की तैयारी सालभर से की गई थी, वे अब धीरे-धीरे रद्द हो रहे हैं। कच्छ और सौराष्ट्र के हजारों परिवार इस काम से जुड़े हैं। बीड वर्क, एप्लिक वर्क, हैंड एम्ब्रॉइडरी और मशीन एम्ब्रॉइडरी करने वाले कारीगरों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। कारोबारियों का अनुमान है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स की बिक्री में 60-70% तक की गिरावट हो सकती है।

सरकार से मदद की मांग

भारत के एक्सपोर्टर्स ने सरकार से 10% सब्सिडी देने की अपील की है, ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।

  • भारत से अमेरिका को हर साल लगभग 4,200 करोड़ रुपए के हैंडलूम प्रोडक्ट्स (कालीन, शॉल, चादर आदि) भेजे जाते हैं।
  • अमेरिका, भारत के कुल हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट का 38% हिस्सा है।
  • गुजरात के सूरत और अहमदाबाद से हर साल करीब 29,400 करोड़ रुपए के टेक्सटाइल और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अमेरिका भेजे जाते हैं। इनमें चणियाचोली की बड़ी हिस्सेदारी होती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि 27 अगस्त 2025 से लागू हुए इस टैरिफ से गुजरात के निर्यात में 50-70% तक की कमी आ सकती है।

स्थानीय कारीगरों की चिंता

गुजरात में करीब 52 तरह के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट आर्टिस्ट काम करते हैं। उनकी रोज़ी-रोटी एक्सपोर्ट और लोकल सेल पर निर्भर है। टैरिफ का असर उनकी आय पर भी पड़ सकता है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत का घरेलू बाज़ार मज़बूत है और लंबी अवधि में हालात सुधर सकते हैं। लेकिन फिलहाल अमेरिका पर निर्भर व्यापारी और कारीगर बड़ी चुनौती और अनिश्चितता झेल रहे हैं।

 


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Content Editor

Mehak

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