मनीष सिसोदिया से 8 घंटे तक पूछताछ, CBI ने बताई वजह...आखिर क्यों किया दिल्ली डिप्टी सीएम को गिरफ्तार

punjabkesari.in Monday, Feb 27, 2023 - 09:07 AM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक सिसोदिया को पूछताछ के दौरान कथित तौर पर सहयोग नहीं करने पर सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले दिन में सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ के लिए 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे थे।

 

सीबीआई मुख्यालय जाने से पहले वह महात्मा गांधी (बापू) की समाधि राजघाट गए थे। वहां उन्होंने AAP के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं जेल जाऊं तो पछताना नहीं, गर्व करना। लाखों मनीष सिसोदिया पैदा होंगे, देखते हैं मोदी जी कितने लोगों को रोकते हैं।'' सीबीआई दफ्तर जाने से पहले सिसोदिया ने ट्वीट किया कि आज फिर सीबीआई जा रहा हूं। जांच में पूरा सहयोग करूंगा। लाखों बच्चों का प्यार और करोड़ों देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है। कुछ महीने जेल में रहना पड़ेगा। ऐसे झूठे आरोपों के कारण जेल जाना छोटी बात है।'

 

क्या है पूरा मामला

यह मामला मुख्यमंत्री केजरीवाल सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति से जुड़ा में गड़बड़ी से जुड़ा है। आरोप है कि इसे कुछ चहेते आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों को फायदा दिलाने के लिए आबकारी नीति बनायी गयी थी जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ। दिल्ली के मुख्य सचिव ने एक रिपोटर् में इस नीति में गड़बड़ी की एक सूची तैयार की थी इसके आधार पर यह मामला दिल्ली के उप राज्यपाल के द्वारा जुलाई 2022 में जांच के लिए सीबीआई तक पहुंचा है। सीबीआई इस संबंध में कुछ व्यक्तियों और फर्मों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर कर कई गिरफ्तारियां पहले ही कर चुकी है। सिसोदिया आबकारी विभाग के प्रभारी हैं।

 

सरकार ने यह नीति नवंबर 2021 में लागू की थी जिसमें दिल्ली को शराब की लाइसेंस की दुकानों के लाइसेंस के लिए 32 जोन में बांट कर कारोबार को पूरी तरह निजी हाथों में सौप दिया गया था। इस नीति के पक्ष में कहा गया था कि इससे शराब कारोबार में माफिया राज समाप्त होगा तथा राजस्व बढ़ेगा। इसके तहत कुल करीब साढे आठ सौ दुकानों को लाइसेंस दिए गए थे और शराब की बिक्री खुब बढ़ गई थी लेकिन राजस्व का भारी नुकसान हुआ। राजस्व के नुकसान की बाद पिछले वर्ष जुलाई में दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के एक नोट में स्वीकार की गई थी। बढ़ती आलोचनाओं और मामला सीबीआई के पास जाने के बाद दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेकर एक सितंबर 2022 से पुरानी आबकारी नीति को लागू कर दिया।


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Content Writer

Seema Sharma

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