CBI चीफ के पद पर बरकरार रहेंगे प्रवीण सूद, सरकार ने दिया एक साल का सेवा विस्तार
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 04:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी यानी सीबीआई (Central Bureau of Investigation) के निदेशक पद पर एक बार फिर से बड़ा फैसला लिया गया है। मौजूदा सीबीआई डायरेक्टर आईपीएस प्रवीण सूद को भारत सरकार ने एक साल का सेवा विस्तार दे दिया है। यह फैसला उस समय आया है जब नए निदेशक की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और देश के मुख्य न्यायाधीश की कमेटी में सहमति नहीं बन पाई।
अब भी CBI की कमान प्रवीण सूद के हाथ में
कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रवीण सूद को मई 2023 में सीबीआई निदेशक बनाया गया था। उनके कार्यकाल की एक साल की अवधि मई 2024 में पूरी हो रही थी, लेकिन सरकार ने अब उन्हें एक साल का सेवा विस्तार देकर उनके अनुभव और नेतृत्व पर भरोसा जताया है। इसका मतलब है कि प्रवीण सूद 2025 तक CBI डायरेक्टर बने रहेंगे।
क्यों हुआ सेवा विस्तार?
दरअसल सीबीआई निदेशक की नियुक्ति एक बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है। इसमें तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति की भूमिका होती है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सुप्रीम कोर्ट के जज, इस बार CJI संजीव खन्ना शामिल थे। हालांकि इस बार बैठक में नए निदेशक के नाम को लेकर कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई, इसी कारण वर्तमान निदेशक को ही सेवा विस्तार देने का फैसला लिया गया।
कैसे होती है CBI डायरेक्टर की नियुक्ति?
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति के माध्यम से की जाती है। इस समिति में शामिल होते हैं:
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प्रधानमंत्री (प्रधान)
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लोकसभा में विपक्ष के नेता
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भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश
यह समिति देश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के पैनल पर विचार करती है। इन अफसरों के प्रदर्शन रिकॉर्ड, सेवाकाल और अनुभव के आधार पर समिति निर्णय लेती है। तीनों सदस्यों की सहमति से ही नए निदेशक की नियुक्ति की जाती है।
सीबीआई निदेशक का कार्यकाल कितना होता है?
वर्तमान नियमों के अनुसार, सीबीआई और ईडी (ED) निदेशकों का कार्यकाल अधिकतम पांच साल तक हो सकता है। शुरूआती कार्यकाल आमतौर पर दो साल का होता है जिसे समिति की सहमति से हर बार एक-एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह नियम और स्पष्ट हो चुका है कि विस्तार बिना सिफारिश के नहीं दिया जा सकता।
सहमति नहीं बनी तो क्या होता है?
जब समिति किसी नए नाम पर एकमत नहीं हो पाती, तब सरकार के पास विकल्प होता है कि मौजूदा निदेशक को सेवा विस्तार दे दिया जाए। यही स्थिति इस बार देखने को मिली। तीनों सदस्यों में नए नाम को लेकर एकमत नहीं था, इसलिए प्रवीण सूद को ही एक साल के लिए एक्सटेंशन देने का फैसला किया गया।
प्रवीण सूद कौन हैं?
प्रवीण सूद भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1986 बैच के अधिकारी हैं। उनका कैडर कर्नाटक है। निदेशक बनने से पहले वे कर्नाटक के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) रह चुके हैं। प्रवीण सूद को अनुशासन, भ्रष्टाचार विरोधी मामलों की गहरी समझ और तकनीकी जांचों में पारंगत माना जाता है। उनके नेतृत्व में सीबीआई ने कई हाई प्रोफाइल केस में अहम कार्रवाई की है।