विदेश मंत्री जयशंकर बोले- इस सरकार ने सुधार की बात की इसलिए मैं राजनीति में आया
punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2020 - 07:10 PM (IST)

नेशनल डेस्कः विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने वुहान में फंसे भारतीयों को निकालकर लाने में सरकार के प्रयासों की सराहना की। नई दिल्ली में रविवार को तमिल एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने राजनीति में आने की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि मेरे राजनीति में शामिल होने की एक वजह यह है कि मैंने इस सरकार को सुधारों के बारे में बात करते देखा। पहली बार, हमारे पास एक सरकार है जिसके सुधार का मतलब है पोषण, लड़की की शिक्षा, मध्यवर्गीय के लिए सेवाएं। तब मुझे लगा कि मुझे भी सुधार लाने में योगदान देना चाहिए।
विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में इस सरकार के तहत हमने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जिसके द्वारा दुनिया में कहीं भी, किसी भी भारतीय को परेशानी होती है तो हम उनकी देखभाल करते हैं। हम वहां उनके लिए मौजूद हैं।
जयशंकर ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को वुहान के कोरोनोवायरस प्रभावित चीनी शहर से 600 से अधिक भारतीयों को निकालने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि भारत दुनिया में कहीं भी परेशान भारतीयों तक पहुंचने की अपनी जिम्मेदारी को समझता है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में केंद्र ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है, जिससे दुनिया में कहीं भी किसी भी भारतीय को परेशानी है तो हम तक पहुंच जाती है और फिर उसकी देखभाल की जाती है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, आज भी ऐसा हो रहा है, उदाहरण के लिए हमारे कई छात्र चीनी शहर वुहान में थे। हमने वास्तव में कड़ी मेहनत की है और उन्हें वापस लाया। आज देश में यह भावना है कि वे हमारे लोग हैं और हमारी जिम्मेदारी है। हम अपने लोगों की देखभाल करेंगे।
चीनी शहर वुहान से 647 भारतीयों को बचाया गया है। 110 करोड़ (11 मिलियन) की आबादी वाल चीनी शहर वुहान, जो कोरोनोवायरस के कारण तनाव का केंद्र बन गया है। बता दें कि एस जयशंकर, चीन और अमेरिका के साथ बातचीत में भारत के प्रतिनिधि भी रह चुके हैं। जयशंकर अमेरिका और चीन में भारत के राजदूत के पदों पर भी काम कर चुके हैं। 1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी जयशंकर ने लद्दाख के देपसांग और दोकलाम गतिरोध के बाद चीन के साथ संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जयशंकर सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त और चेक गणराज्य में राजदूत पदों पर भी काम कर चुके हैं।