विदेश में पढ़ाई करने के लिए जरूरी हैं ये टेस्ट, जानें डिटेल

punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2024 - 11:34 AM (IST)

नेशनल डेस्क. ऑनलाइन ग्लोबल शिक्षा के इस दौर में भी विदेश की यूनिवर्सिटी में ऑफलाइन पढ़ाई करना बहुत महत्वपूर्ण है। हाल ही में भारत से विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या 8 लाख से अधिक हो गई है। इंडियन स्टूडेंट मोबिलिटी रिपोर्ट 2023 के अनुसार, 2025 तक यह संख्या 20 लाख के आसपास पहुंच सकती है। ऑफलाइन पढ़ाई करने से छात्रों को न केवल बेहतर शिक्षा मिलती है, बल्कि वे विश्वविद्यालय की संस्कृति का हिस्सा बनकर अपने विकास के लिए कई अवसर भी प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही विदेश में नौकरी पाने का अवसर भी बड़ा आकर्षण है।

पढ़ाई के लिए लोकप्रिय देश

भारतीय छात्रों में पढ़ाई के लिए अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों का चयन सबसे अधिक है। अब हम उन जरूरी योग्यता परीक्षाओं के बारे में जानेंगे, जो विदेश में पढ़ाई के लिए आवश्यक हैं।

1. अंग्रेजी भाषा की परीक्षा

विदेश में पढ़ाई करने के लिए सबसे पहली शर्त है अंग्रेजी में प्रवीणता। इसके लिए प्रमुख परीक्षाएं हैं:

IELTS (इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम): यह टेस्ट 140 से अधिक देशों में मान्यता प्राप्त है। इसमें रीडिंग, राइटिंग, लिसनिंग और स्पीकिंग की परीक्षा होती है। इसके दो प्रकार हैं: आईईएलटीएस एकेडेमिक (विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज में दाखिले के लिए) और आईईएलटीएस जनरल ट्रेनिंग (नौकरी या वर्क वीजा के लिए)।

TOEFL (टेस्ट ऑफ इंग्लिश ऐज ए फॉरन लैंग्वेज): यह टेस्ट 160 देशों की 13,000 यूनिवर्सिटीज में मान्यता प्राप्त है। यह 2.5 घंटे का ऑनलाइन टेस्ट है, जिसे सेंटर या घर से दिया जा सकता है।

PTE (पिवरसन टेस्ट ऑफ इंग्लिश): यह एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा है, जिसमें आपकी अंग्रेजी भाषा की प्रवीणता का आकलन किया जाता है। यह ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूके और कनाडा में मान्यता प्राप्त है।

Duolingo English Test: यह एक कंप्यूटर आधारित और कंप्यूटर-एडाप्टिव टेस्ट है। यह लगभग एक घंटे का होता है और 5,500 से अधिक संस्थानों में मान्यता प्राप्त है।

Cambridge English Advanced (CAE): यह टेस्ट विश्व के 9,000 से अधिक शैक्षिक संस्थानों द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह उच्च स्तर की अंग्रेजी के लिए टेस्ट है और चार घंटे का होता है।

2. SELT (सिक्योर इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट)

यह टेस्ट भी एक अच्छा विकल्प है, खासकर यूरोपीय देशों में पढ़ाई के लिए। इसके लिए बी-1 स्तर का सर्टिफिकेट मांगा जाएगा, जबकि पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए बी-2 स्तर का पासिंग स्कोर आवश्यक है।

विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को इन परीक्षाओं की जानकारी होना आवश्यक है, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।


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Content Editor

Parminder Kaur

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