सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार: 100 से अधिक विदेशियों को दी गई फांसी, इनमें सबसे अधिक पाकिस्तानी

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2024 - 03:31 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। फांसी एक ऐसी सजा है जो सामान्यत: गंभीर अपराधों के लिए दी जाती है, लेकिन कई देशों में इसे पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। हाल ही में सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब 2024 में ही अब तक 100 से अधिक विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई हो। इनमें सबसे अधिक पाकिस्तानी हैं जिनको फांसी दी गई है। उनमें यह आंकड़ा पिछले सालों की तुलना में कहीं अधिक है और सऊदी अरब ने फांसी देने का एक नया रिकॉर्ड तोड़ा है।

2024 में 100 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को फांसी

सऊदी अरब ने 2024 में अब तक 101 विदेशी नागरिकों को मौत की सजा दी है। इसमें एक यमन का नागरिक भी शामिल है, जिसे नशीली दवाओं की तस्करी के आरोप में फांसी दी गई। 2023 और 2022 में सऊदी अरब ने क्रमशः 34 और 34 विदेशी नागरिकों को फांसी दी थी, लेकिन इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 100 के पार पहुंच गया है।

विदेशी नागरिकों को फांसी देने का रिकॉर्ड

बर्लिन स्थित यूरोपियन-सऊदी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स (ईएसओएचआर) के लीगल डायरेक्टर ताहा अल-हज्जी ने बताया कि यह सऊदी अरब में एक साल में विदेशी नागरिकों को फांसी देने का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले कभी भी एक ही साल में सऊदी अरब ने 100 से अधिक लोगों को फांसी नहीं दी थी।

ह्यूमन राइट्स ग्रुप की आलोचना

सऊदी अरब द्वारा विदेशी नागरिकों को फांसी देने पर मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी आलोचना की है। ह्यूमन राइट्स ग्रुप का कहना है कि सऊदी अरब अपनी फांसी देने की ताकत का अधिक इस्तेमाल कर रहा है और यह कदम सऊदी अरब अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को नरम करने और पर्यटकों व निवेशकों का स्वागत करने के लिए उठा रहा है।

सऊदी अरब ने किस देश के नागरिकों को दी फांसी?

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में सऊदी अरब ने चीन और ईरान के बाद तीसरी सबसे बड़ी संख्या में लोगों को फांसी दी थी। इस साल के सितंबर में, सऊदी अरब ने 30 साल में सबसे बड़ी तादाद में फांसी दी। 1995 में सऊदी अरब ने 192 लोगों को फांसी दी थी, वहीं 2022 में यह आंकड़ा 196 था।

अब तक 2024 में, सऊदी अरब ने कुल 274 लोगों को फांसी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें पाकिस्तान के 21, यमन के 20, सीरिया के 14, नाइजीरिया के 10, मिस्र के 9, जॉर्डन के 8 और इथियोपिया के 7 नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा भारत, सूडान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, इरिट्रिया और फिलिपींस के एक-एक नागरिक को भी फांसी दी गई है।

निष्पक्ष सुनवाई में बाधाएं

राजनयिकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि विदेशी नागरिकों को आमतौर पर निष्पक्ष सुनवाई में मुश्किलें आती हैं। इनमें से कई मामलों में यह आरोप लगाया गया है कि विदेशी नागरिकों को सही कानूनी सहायता नहीं मिलती और उनका पक्ष सही तरीके से नहीं सुना जाता।

सऊदी अरब का यह कदम वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बना हुआ है, और मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी अरब से फांसी की सजा पर रोक लगाने की अपील की है।


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News Editor

Rahul Rana

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