क्या कनाडा खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को  करेगा भारत प्रत्यर्पित ? विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने दिया अजीब जवाब

punjabkesari.in Sunday, Nov 17, 2024 - 11:28 AM (IST)

International Desk: कनाडा में गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के भारत प्रत्यर्पण को लेकर कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने बड़ा  अजीब और गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। भारत की प्रत्यर्पण मांग पर जब उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता। अभी इस मामले की जांच जारी है और वह इस पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर सकतीं। पत्रकारों से बातचीत में मेलानी जॉली ने कहा, "अभी इस मामले की जांच चल रही है। अगर भारतीय अधिकारियों से कोई अनुरोध आता है, तो हम बातचीत करेंगे। हालांकि, इस मामले पर मेरे पास फिलहाल कोई विशेष जानकारी नहीं है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि कनाडा और भारत के बीच विदेश मंत्रालय स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।

 

कौन है अर्श डल्ला?
अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला एक कुख्यात खालिस्तानी आतंकी है, जो भारत में हत्या, हत्या के प्रयास, वसूली, और आतंकी हमलों जैसे 50 से अधिक मामलों में वांछित है।

  •   मई 2022 में इंटरपोल ने डल्ला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
  •   2023 में भारत सरकार ने अर्श डल्ला को आतंकवादी घोषित किया।
  •   कनाडा में 28 अक्टूबर को गोलीबारी से जुड़े एक मामले में उसे गिरफ्तार किया गया।
  • डल्ला पर आतंकवाद के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध कराने के भी गंभीर आरोप हैं।
  •  भारतीय एजेंसियों का कहना है कि वह कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड है और उसके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।
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अर्श डल्ला का मामला ऐसे समय आया है, जब भारत और कनाडा के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं।  हाल के महीनों में दोनों देशों ने अपने-अपने राजनयिकों को वापस बुलाया था। कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा हिंदू मंदिरों पर हमले बढ़े हैं, जिसे भारत ने कड़ी आपत्ति के साथ उठाया है। : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिस्तानी गतिविधियों पर कनाडा की ढिलाई की आलोचना की थी। डल्ला के प्रत्यर्पण पर फिलहाल कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है। भारत ने पहले भी उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी, लेकिन अब यह मामला कानूनी और कूटनीतिक प्रक्रियाओं पर निर्भर है।विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डल्ला को भारत प्रत्यर्पित किया जाता है, तो यह खालिस्तानी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी जीत होगी। वहीं, कनाडा सरकार को अपने यहां खालिस्तानी गतिविधियों पर सख्त कदम उठाने का दबाव भी झेलना पड़ रहा है।


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Content Writer

Tanuja

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