Budget session आज से ! मोदी सरकार के इन पांच Bills पर रहेगी नज़र

punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2024 - 11:09 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सरकार ने सोमवार से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में वित्त विधेयक के अलावा पांच नए विधेयक पेश करने की सूची तैयार की है। बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक होगा जिसमें 16 बैठक होंगी। बजट सत्र में सोमवार को आर्थिक समीक्षा पेश की जाएगी और मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा। सरकार ने रविवार को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की पारंपरिक बजट पूर्व सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

लोक सभा के विशेष सत्र से स्पष्ट है, लोक सभा में अपनी बढ़ी हुई ताकत को देखते हुए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' बजट सत्र में अधिक आक्रामक होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की संख्या राज्य सभा में भी कम हो गई है क्योंकि इस महीने की शुरुआत में चार भाजपा सांसद सेवानिवृत्त हो गए। ये चार नामित सांसद थे जो औपचारिक रूप से भाजपा के साथ थे। 245 सदस्यीय राज्यसभा में 19 रिक्तियां हैं और बहुमत का आंकड़ा 113 सीट तक पहुंचता है। भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के पास भाजपा के 86 सहित 101 सांसद हैं और इसलिए यह बहुमत के आंकड़े से कम है। राजग 17वीं लोकसभा के कार्यकाल के दौरान की तरह ही वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (11) सांसद), अन्नाद्रमुक (4) और अन्य क्षेत्रीय दलों पर भरोसा कर सकता है।

हालांकि इन दलों में से कम से कम एक दल बीजू जनता दल ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का समर्थन विशेष सत्र के दौरान किया था जिसके 9 सांसद हैं। हालांकि भाजपा उन 11 रिक्तियों में से कम से कम आधी सीटों पर बढ़त की तैयारी में है जिनके लिए चुनाव होने हैं। ये रिक्तियां इस वजह से बनी क्योंकि कुछ राज्य सभा सदस्य लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। इनके अलावा चार रिक्तियां नामित श्रेणी में हैं जबकि चार जम्मू कश्मीर की सीट हैं। सरकार ने जिन पांच नए विधेयकों को सत्र में पेश करने का प्रस्ताव दिया है उनमें भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 है जो विमान अधिनियम, 1934 को दोबारा लागू करेगा।

सरकार के मुताबिक इस विधेयक से मौजूदा कानून में अस्पष्टता की समस्या दूर की जाएगी और सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' तथा 'मेक इन इंडिया' जैसी पहल को समर्थन करने के लिए विमानन क्षेत्र में विनिर्माण के प्रावधान को सक्षम बनाया जाएगा। आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक का मकसद आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न संगठनों की भूमिकाओं में अधिक स्पष्टता और एकरूपता लाना है। सत्र के दौरान पेश किए जाने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए अन्य विधेयकों में स्वतंत्रता-पूर्व काल के कानून की जगह लेने वाला बॉयलर विधेयक, कॉफी (प्रचार एवं विकास) विधेयक और रबर (प्रचार एवं विकास) विधेयक शामिल हैं। 

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बजट में बेरोजगारी और आर्थिक असमानता दूर करने का हो प्रयास
आगामी बजट को लेकर कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों और औद्योगिक संगठनों ने कहा है कि बजट में बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, उद्योग धंधों पर जोर दिया जाए। कांग्रेस ने केंद्रीय बजट से पहले शुक्रवार को कहा कि यदि इसमें बेरोजगारी दूर करने तथा आर्थिक असमानता को कम करने का प्रयास नहीं किया गया तो इस बजट को भी पिछले कुछ वर्षों के बजट की तरह ही 'विफल' माना जाएगा। पार्टी प्रवक्ता और सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि बजट से पहले देश बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, व्यापार असंतुलन जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024- 25 के लिए बजट पेश करेंगी। 

सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ' बजट बनाने से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले कुछ उद्योगपतियों, बैंकर्स, किसान संगठनों से मुलाकात कर विचार-विमर्श किया है, लेकिन क्या वह उन परिवारों से मिली हैं, जो दिन में तीन वक्त की रोटी नहीं खा पा रहे हैं? क्या वह उन महिलाओं से मिली हैं, जो महंगाई से जूझ रही हैं? क्या वह उन किसानों से मिली हैं, जो फसल का सही दाम पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं? क्या वह उन युवाओं से मिली हैं, जो पेपर लीक से प्रताड़ित हैं? क्या वह असल हिंदुस्तान से मिली हैं?' कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि ये स्पष्ट है कि वित्त मंत्री इन वर्गों से नहीं मिली हैं तथा आगामी बजट चंद पूंजीपतियों को और अमीर बनाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बजट आने से पहले 'गुजरात की टूटती रेलिंग' (बेरोजगारों की भीड़) और मुंबई में एविएशन क्षेत्र की नौकरियों के लिए लाखों की भीड़, इस सरकार की रोजगार को लेकर पेश की जा रही झूठी दलीलों का पर्दाफाश करती है। दलीलों का पर्दाफाश करती है। 

दूसरी और, दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि बजट में राजधानी में बुनियादी ढांचा विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली केंद्र को इनकम टैक्स के रूप में 2 लाख करोड़ रुपये देती है, लेकिन बदले में पिछले बजट में केंद्र से उसे कुछ नहीं मिला। उद्योग ने उम्मीद जताई कि वित्त मंत्री आगामी बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान देंगी और कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रयाप्त धन खर्च किया जाएगा।

 


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Content Editor

Mahima

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