कठुआ कांड: नींद की ज्यादा गोलियां दिए जाने से कोमा में गई थी पीड़िता

punjabkesari.in Monday, Jun 25, 2018 - 09:42 AM (IST)

जम्मू/नई दिल्ली : अपराध विज्ञान विशेषज्ञों ने कहा है कि कठुआ में 8 साल की एक लड़की की हत्या से पहले उसे जबरन नींद की काफी गोलियां दी गईं जिससे संभवत: वह कोमा में चली गई। इस सामूहिक दुष्कर्म-सह-हत्याकांड की जांच कर रही जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने उसे उसके अपहत्र्ताओं द्वारा दी गई मन्नार कैंडी (उसे स्थानीय गांजा समझा जाता है) और एपिट्रिल 0.5 एम.जी. गोलियों के प्रभाव का परीक्षण करने के लिए इसी महीने के प्रारंभ में उसका विसरा अपराध विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा था। अपराध शाखा ने मैडीकल विशेषज्ञों से 8 साल की लड़की को उसके खाली पेट रहने के दौरान दी गई इन दवाइयां के संभावित असर के बारे में पूछा था।

सोशल मीडिया पर समर्थकों का दावा 
अपराध शाखा ने तब विस्तृत मैडीकल राय जानने का फैसला किया जब अदालत में आरोपियों और उनके वकीलों ने तथा सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने दावा किया कि यह असंभव है कि लड़की पर हमला हो रहा हो और वह चिल्लाई न हो। विसरा का परीक्षण करने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि लड़की को जो दवा दी गई थी उसमें क्लोनाजेपाम साल्ट था और उसे मरीज के उम्र और वजन को ध्यान में रखकर चिकित्सकीय निगरानी में ही दिया जाता है। चिकित्सकीय राय में कहा गया है ,‘ उसके (पीड़िता के) 30 किलोग्राम वजन को ध्यान में रखते हुए मरीज को 3 खुराक में बांटकर प्रति दिन 0.1 से 0.2 एम.जी. दवा देने की सिफारिश की जाती है।’ ज्यादा डोज के संकेत और लक्षण नींद, भ्रम, समझ में कमी, प्रतिक्रियात्मक गतिविधि में गिरावट, सांस की गति में कमी या रुकावट, कोमा और मृत्यु हो सकते हैं।

रिपोर्ट अगले सप्ताह पठानकोट की जिला एवं सत्र अदालत को सौंपी जाएगी
चिकित्सकीय राय के अनुसार क्लोनाजेपाम की शीर्ष सांद्रता दवा लेने के करीब एक से डेढ़ घंटे में रक्त में हो जाती है, चाहे उसे भोजन के साथ लिया जाए या उसके बगैर। यह रिपोर्ट अगले सप्ताह पंजाब के पठानकोट की जिला एवं  सत्र अदालत को सौंपी जाएगी जो इस मामले की सुनवाई कर रही है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई को कठुआ से पठानकोट स्थानांतरित किया गया था। 


सांजीराम को नहीं था दुष्कर्म होने का पता 
जांच के अनुसार सांजी राम को पता था कि उसे अगवा किया गया है लेकिन उसे उसके साथ दुष्कर्म होने की जानकारी नहीं थी। अपराध शाखा द्वारा दायर आरोपपत्र में सांजी राम और उसके किशोर भतीजे के अलावा उसके बेटे विशाल, विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा तथा दोस्त परवेश कुमार उर्फ मन्नू के नाम दर्ज हैं। उसमें कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता के भी नाम है जिन पर सांजीराम से 4 लाख रुपए रिश्वत लेने और सबूत मिटाने का आरोप है। आठवें आरोपी, जो किशोर है, की तकदीर का फैसला होना बाकी है क्योंकि अपराध शाखा उसके बालिग होने का दावा करते हुए उच्च न्यायालय पहुंच गई है। 


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kirti

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