NEET मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला का सरकार ने किया स्वागत, शिक्षा मंत्री बोले- छात्रों से माफी मांगे विपक्ष

punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2024 - 09:17 PM (IST)

नेशनल डेस्कः NEET-UG 2024 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है। फैसला आने के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है। साथ ही विपक्ष पर निशाना भी साधा। प्रधान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सत्यमेव जयते! हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. हमारे प्राथमिकता वाले छात्र और उनका, भविष्य सरकार हमेशा से इस पर विश्वास करती रही है और वह सुप्रीम कोर्ट की आभारी है। पिछले कुछ दिनों में 2.5 महीने में पिछली स्केल मिस नहीं हुई है। समाज के कमजोर वर्ग, एससी, एसटी, ग्रामीण छात्रों के कमजोर वर्गों को भी सुप्रीम कोर्ट ने फिर से नीट न कराने का फैसला करके ध्यान में रखा है।

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि परीक्षा की पवित्रता और उल्लंघन के लिए शून्य सहनशीलता। अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम अधिसूचित किया गया है। पारदर्शी छेड़छाड़ मुक्त और शून्य त्रुटि परीक्षा प्रणाली - सरकार प्रतिबद्ध है। पूरी तरह से एनटीए का पुनर्गठन - प्रोफेसर डॉ राधाकृष्णन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति इस पर काम कर रही है। डॉ गुलेरिया इस पर काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों की राय और मॉडलों पर विचार किया गया है। वह रिपोर्ट भी जल्द ही जारी की जाएगी।

'विपक्ष को छात्रों से माफी मांगनी चाहिए'
प्रधान ने कहा कि विपक्ष के नेता और उनके नेतृत्व ने परीक्षा को बकवास बताया था। विपक्ष को देश के अभिभावकों और लोगों, छात्रों से माफी मांगनी चाहिए। सब कुछ रिकॉर्ड में है। हमने सार्वजनिक परीक्षा को वह कानून दिया जिसकी उसे जरूरत थी। उन्हें जवाब देना चाहिए कि वे कब कानून लेकर आए और क्यों वापस ले लिया? सीबीटी या ओएमआर शीट आधारित परीक्षा पर- ओबीसी, एससी, एसटी छात्रों की संख्या में नीट के लिए बढ़ोतरी हुई है। 4750 केंद्र हैं। परीक्षा ग्रामीण, आदिवासी और दलित बच्चों के लिए है, सबसे बड़े लाभार्थी ओएमआर या सीबीटी, उच्च स्तरीय पैनल तय करेगा।

नई मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी: शिक्षा मंत्री 
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम उनकी सिफारिशों पर विचार करेंगे। कर्नाटक और तमिलनाडु द्वारा नीट छूट बिल पर एजेंसी द्वारा अखिल भारतीय परीक्षा होनी चाहिए, पुरानी प्रथा में बहुत सारी शिकायतें हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ क्यों जाना चाहते हैं। पिछली बार तमिलनाडु से एक टॉपर था। जो लोग तमिलनाडु का विरोध कर रहे हैं, वे 2010 में परीक्षा संचालन का हिस्सा थे। एक विवादास्पद प्रश्न के कारण 4 लाख से अधिक छात्र रैंक और 4-5 मास्क खो देंगे। अगले दो दिनों में नई मेरिट सूची जारी की जाएगी।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए मंगलवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें विवादों से घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि इसकी विश्वसनीयता के व्यवस्थित तरीके से प्रभावित होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है।

अदालत का यह अंतरिम फैसला है और बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा। इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को बड़ी राहत मिली है, जो पांच मई को संपन्न परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़कों से लेकर संसद तक कड़ी आलोचना एवं विरोध का सामना कर रही हैं। 

 


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Content Writer

Yaspal

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