पृथ्वी का दिन-रात बढ़ेगा समय... 24 घंटे की जगह 25 घंटे बनने में लगेंगे इतने साल
punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2024 - 12:43 PM (IST)
नेशनल डेस्क: हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी के दिन-रात का समय धीरे-धीरे बढ़ रहा है और भविष्य में 24 घंटे की जगह 25 घंटे का हो सकता है। इस परिवर्तन के लिए मुख्य कारण पृथ्वी की घूमने की गति में आ रही कमी है, जो ज्वारीय प्रभाव और भू-भौतिकीय क्रियाओं के कारण हो रही है। विस्कान्सिन विश्वविद्यालय, अमेरिका के हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पृथ्वी के दिन-रात का समय धीरे-धीरे बढ़ रहा है। इसके अनुसार, अगले 20 करोड़ सालों में पृथ्वी का एक दिन 25 घंटे का हो जाएगा। यह बदलाव काफी धीमी गति से हो रहा है, लेकिन लंबे समय में इसका प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है।
पृथ्वी के परिभ्रमण की गति में कमी के दो प्रमुख कारण...
1. ज्वारीय प्रभाव: समुद्र का पानी ज्वारीय प्रभाव के कारण दिन में दो बार अपनी स्थिति बदलता है। इस प्रभाव के चलते पृथ्वी की घूमने की गति में कमी आ रही है।
2. भू-भौतिकीय क्रियाएं: पृथ्वी के भीतरी कोर और बाहरी हिस्से की आपसी क्रियाएं, जिसे आवर्तकाल कहा जाता है, भी इस परिवर्तन में योगदान दे रही हैं।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार, सौर मंडल के ग्रह गुरुत्वाकर्षण के कारण एक-दूसरे से बंधे होते हैं। इस गुरुत्वाकर्षण के कारण ग्रहों के परिभ्रमण की गति में बदलाव आ सकता है। वर्तमान में, पृथ्वी का परिभ्रमण धीरे-धीरे धीमा हो रहा है, जिससे एक दिन का समय बढ़ रहा है।
पृथ्वी का एक दिन-रात 25 घंटे का हो सकता है
आज से 1.4 अरब वर्ष पहले, पृथ्वी का दिन-रात का समय 18 घंटे का होता था। तब से लेकर अब तक, पृथ्वी के दिन-रात के समय में वृद्धि हुई है। वर्तमान में, पृथ्वी का दिन-रात 24 घंटे का होता है, लेकिन यह समय धीरे-धीरे बढ़ रहा है। वर्तमान में, पृथ्वी के परिभ्रमण काल में 1.8 मिली सेकंड प्रति वर्ष की दर से वृद्धि हो रही है। अगर यह परिवर्तन इसी दर से जारी रहता है, तो अगले 20 करोड़ सालों में पृथ्वी का एक दिन 25 घंटे का हो सकता है। यह परिवर्तन हमारी जीवनशैली, पर्यावरण और विभिन्न प्राकृतिक प्रक्रियाओं पर प्रभाव डाल सकता है।