भारत के महत्वपूर्ण हैं आने वाले दिन, तय होगा कोरोना का भविष्य, पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट
punjabkesari.in Wednesday, Apr 01, 2020 - 08:10 PM (IST)
नई दिल्ली। 29 फरवरी को भारत में कोरोना के 3 मामले थे और आज ये मामले बढ़ कर 1550 के पार पहुंच चुके हैं। यह संख्या दो महीने में तेजी से बढ़ी है। जबकि पिछले सप्ताह में 1000 कोरोना पीड़ितों की संख्या पार करने वाला भारत दुनिया के 20 देशों में शामिल हो चुका है। लेकिन फिर भी जानकर यह मानते है कि भारत में कोरोना का विस्तार काफी धीमा है। सरकार भी कहती है कि कोरोना अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन कंट्रोल में हैं।
लेकिन अब सवाल है इसके आगे क्या? क्या जितनी तेजी से भारत में मामले सामने आ रहे हैं, उसको देखते हुए आने वाले कुछ दिन भारत के लिए बेहद मुश्किल होने वाले हैं? दरअसल, यह इसपर निर्भर करता है कि भारत में नए मामले किस तरह से सामने आ रहे हैं। इसी से यह पता लगेगा कि एक सप्ताह में कोरोना भारत में क्या प्रभाव डालेगा।
रोजाना मामलों का कम होना
भारत की तरह ही कई दूसरे देशों में पहले तेजी से मामले बढ़े और फिर कमी देखी जाने लगी। दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि सभी देश एक दूसरे से सीख रहे हैं। उनके तरीके, उनके नियम और उनके उपायों को फॉलो कर रहे हैं। जैसे दक्षिण कोरिया से दूसरे देश सीख रहे हैं, उसके तरीके अपनाये और अपने देश को कोरोना से बचाने में बड़ी कामयाबी हासिल की वैसे ही भारत समेत कई देशों ने लॉकडाउन कर लोगों के बीच सोशल डिस्टेंस को बढ़ाया, जिससे कोरोना मामले कम होते गए।
ऐसी हो सकती है आने वाली तस्वीर
ऐसा माना जा रहा है कि भारत में लॉकडाउन लागू होने के बाद ही कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 1000 के पार पहुंचा हैं, तो अब आने वाले दिन तय करेगे कि 21 दिन का लॉकडाउन कितना प्रभावी रहा है। हालांकि यह भी हो सकता है कि अगर एक हजार मामलों के बाद भारत में संक्रमितों की दर चीन की तरह रही तो भारत में संक्रमितों की संख्या 9 हजार से ज्यादा हो सकती है। जबकि ऐसा भी हो सकता है कि अगर भारत में संक्रमितों की संख्या में चीन का न हो कर जापान का तरीका दिखा तो भारतीय संक्रमितों की संख्या 1600 के आसपास ही रह सकती है।
शुरुआत में दिखती है तेजी
एक अध्ययन के अनुसार मरीज में शुरुआती लक्षण के समय सर्वाधिक वायरस होते हैं जिसे वायरस लोड कहा जाता है जिसका आशय किसी संक्रमित व्यक्ति में कुल वायरसों की संख्या से है जो धीरे-धीरे इन वायरसों की संख्या कम होने लगती है। इसे ऐसे भी समझ सकते है कि किसी व्यक्ति में गम्भीर लक्षण नहीं होते लेकिन सबसे ज्यादा वायरस उसी में होते हैं जो बाद में घातक सिद्ध होते हैं। इन लोगों से कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बना रहता है।
अपनानी होगी ये आदत
इस रिपोर्ट में इस बात को हमेशा याद रखने के लिए कहा गया है कि लोगों को अपनी आदतें सुधारनी होगी। कोरोना वायरस से बचने के लिए रोजाना की आदतों में हाथ धोने की आदत इससे बचा सकती है। लगातार हाथ धोते रहने के साथ ही सेल्फ आइसोलेशन में जाना भी कारगार होगा।
टेस्ट बढ़ाने होंगे
एक रिपोर्ट की माने तो भारत में यदि लगातर टेस्ट होते रहे तो भारत जल्दी ही कोरोना से निजात पा सकेगा। ऐसा माना जाता है कि भारत में अचानक बढ़ते मामलों के पीछे यही मुख्य वजह है। जितनी तेजी से कोरोना टेस्ट किए जायेंगे उतनी ही तीव्रता से संक्रमित व्यक्ति पकड़े जायेंगे और उनका इलाज हो सकेगा।
भारतीयों को खुद सीखना होगा
रिपोर्ट कहती है कि अगर अभी भी भारत के लोग नहीं चेते तो आने वाले दिनों में बड़ी मुश्किल आ सकती है। एक शोध बताता है कि व्यक्ति की इम्युनिटी का स्ट्रोंग होना उसे कोरोना के प्रभाव में आने और फिर जल्द रिकवर होने में सहायक होता है। इसलिए ये जरूरी है कि भारतीय अपना इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने के उपाय करें।