वी.आई.पी. सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव कर सकती है केंद्र सरकार

punjabkesari.in Saturday, Jun 15, 2024 - 08:58 AM (IST)

नेशनल डेस्क: तीसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार 3.0 आने वाले दिनों में नए खतरों को देखते हुए वी.आई.पी. सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है। जिसके तहत राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन.एस.जी.) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आई.टी.बी.पी.) के जवानों और अधिकारियों को उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

आने वाले महीनों में किया जाएगा अभ्यास
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा बताए गए नए खतरों से निपटने के लिए केंद्र सरकार यह कदम उठाने जा रही है। आने वाले महीनों में  इस अभ्यास में राजनीतिक हस्तियां, पूर्व मंत्री, सेवानिवृत्त नौकरशाह और कुछ अन्य लोग शामिल होंगे। हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की सुरक्षा ड्यूटी को आपस में बदलने की योजना 2012 से ही चल रही है। उम्मीद है कि एन.एस.जी. को वी.आई.पी. सुरक्षा ड्यूटी से हटाए जाने के बाद करीब 450 'ब्लैक कैट' कमांडोज को फ्री किया जाएगा। इस योजना में सुरक्षा एजेंसी की भूमिका को पुनर्गठित करने का प्रयास किया जाएगा।

अयोध्या और देश के दक्षिणी हिस्से में तैनात होंगी कमांडो की टीमें
इस योजना के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित कुछ उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और कुछ महत्वपूर्ण संपत्तियों के आसपास कमांडो की स्ट्राइक टीमों को तैनात करने के लिए इनकी जनशक्ति का उपयोग करने की परिकल्पना की गई है। मोदी सरकार के शीर्ष चार मंत्रियों गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की 'जेड' प्लस सुरक्षा बरकरार रहेगी।
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने एन.एस.जी. का पुनर्गठन करने और इसकी मानव शक्ति का उपयोग अयोध्या में राम मंदिर के पास और देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित कुछ महत्वपूर्ण संपत्तियों के आसपास कुछ उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में कमांडो की स्ट्राइक टीम बनाने और तैनात करने के लिए करने का निर्णय लिया है।

वी.आई.पी. सुरक्षा से हटेंगे ब्लैक कैट कमांडोज
सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन.एस.जी.) के ब्लैक कैट कमांडोज को वी.आई.पी. सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह हटाने का फैसला किया गया है। इसके सभी नौ जेड-प्लस श्रेणी के सुरक्षा कर्मियों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) की वी.आई.पी. सुरक्षा इकाई को सौंप दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय (एम.एच.ए.) आवंटित लोगों की मौजूदा सूची की समीक्षा करेगा, जिसके परिणाम स्वरूप विभिन्न राजनीतिक हस्तियों, पूर्व मंत्रियों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों और अन्य लोगों के लिए सुरक्षा कवर में संशोधन, कमी या वृद्धि हो सकती है।

200 से अधिक लोगों को सुरक्षा
सी.आर.पी.एफ. और सी.आई.एस.एफ. वी.आई.पी. सुरक्षा विंग वर्तमान में 200 से अधिक लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल बी.एस.एफ. व आई.टी.बी.पी. के कर्मियों द्वारा सुरक्षित कुछ वी.आई.पी. को सी.आर.पी.एफ. या सी.आई.एस.एफ. के वी.आई.पी. सुरक्षा विंग को हस्तांतरित किया जा सकता है। 2012 में पहली बार एन.एस.जी. को वी.आई.पी. सुरक्षा कर्तव्यों से मुक्त करने का प्रस्ताव रखा गया था, जब कुलीन समूह के कमांडरों ने एक ऐसी घटना की भविष्यवाणी की थी, जिसमें एक ही समय में कई स्थानों पर एक साथ आतंकवादी हमले हो सकते थे। ऐसी स्थिति में कमांडोज को विभिन्न दिशाओं में भेजना होगा।

एन.एस.जी. किन लोगों को दे रही है सुरक्षा
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन.एस.जी.) कमांडो के निकट सुरक्षा बल द्वारा संरक्षित लोगों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनकी पूर्ववर्ती और बसपा सुप्रीमो मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डी.पी.ए.पी.) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एन.सी.) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और टी.डी.पी. प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू भी एनएसजी कमांडो द्वारा संरक्षित हैं। आई.टी.बी.पी. वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, एन.सी. नेता उमर अब्दुल्ला और पी.डी.पी. नेता महबूबा मुफ्ती तथा कुछ अन्य लोगों की सुरक्षा करती है।


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Content Editor

Mahima

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