76 साल के शख्स की 3 शादियों का केस पहुंचा हाईकोर्ट, तीसरे विवाह के 25 साल बाद पहली दो पत्नियों ने की शिकायत

punjabkesari.in Saturday, Jun 04, 2022 - 08:47 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कर्नाटक हाईकोर्ट ने द्विविवाह को लेकर अपने खिलाफ दायर मामले को निरस्त करने संबंधी 76 वर्षीय एक बुजुर्ग की याचिका ठुकरा दी है। बुजुर्ग ने स्वीकार किया है कि वह तीन पत्नियों का पति है। उच्च न्यायालय ने कहा कि उसकी स्वीकारोक्ति ‘‘अपराध की निरंतरता'' बताती है। आनंद सी उर्फ अंकुर गौड़ा की पहली पत्नी चंद्रम्मा ने उसके, उसकी तीसरी पत्नी 49 वर्षीय वरलक्ष्मी और उसके चार दोस्तों और रिश्तेदारों के खिलाफ द्विविवाह और उकसाने का मामला दर्ज कराया था। आनंद ने 1968 में चंद्रम्मा से शादी की थी। उसने 1972 में सावित्राम्मा से शादी की।

आनंद ने दावा किया है कि चंद्रम्मा ने दूसरी शादी के लिए सहमति दी थी। आनंद ने 1993 में वरलक्ष्मी से शादी की और उच्च न्यायालय के समक्ष दावा किया कि उसकी पहली दो पत्नियों ने तीसरी शादी के लिए सहमति दी थी। चंद्रम्मा ने द्विविवाह की शिकायत 2018 में दर्ज की गई थी। उसने आरोप लगाया था कि आनंद ने वरलक्ष्मी से शादी करते हुए अपनी पिछली शादियों की जानकारी को छिपाया था। आनंद, उसकी तीसरी पत्नी और अन्य आरोपियों ने इसे इस आधार पर उच्च न्यायालय में चुनौती दी कि शादी के लगभग 25 साल बाद शिकायत दर्ज की गई है।

दूसरा तर्क यह था कि तीसरी शादी के लिए उसकी अन्य दो पत्नियों ने सहमति दी थी। आनंद ने दावा किया कि उसकी तीन पत्नियों से जुड़े एक संपत्ति विवाद के बाद द्विविवाह का मामला दर्ज किया गया। आनंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने अपने 25 मई के फैसले में कहा कि आनंद और उनकी तीसरी पत्नी के खिलाफ मामला रद्द नहीं किया जा सकता क्योंकि वे पिछली शादियों के बारे में जानते थे। हालांकि, आनंद के दोस्तों के खिलाफ द्विविवाह के लिए उकसाने का मामला रद्द कर दिया गया।


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Content Writer

Yaspal

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