1717 करोड़ की लागत से बना पुल तास के पत्तों की तरह भर-भराकर गिरा, चार साल पहले सीएम नीतीश ने किया था शिलान्यास
punjabkesari.in Sunday, Jun 04, 2023 - 08:09 PM (IST)

नेशनल डेस्कः बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल तास के पत्तों की तरह भर-भराकर गिर गया। इसका सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है। भागलपुर में अगुवानी और सुल्तानगंज के बीच 1717 करोड़ की लागत से बन रहा पुल अचानक भर भराकर गंगा नदी में समा गया है। इस हादसे में किसी के जान माल के नुकसान की खबर नहीं है। इस पुल के निर्माण के लिए चार साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिलान्यास किया था। स्थानीय लोगों ने घटना की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है, जिसमें लोग काफी डरे सहमे नजर आ रहे हैं।
#Bihar a portion of under construction bridge over Ganga river collapsed today. The Aguanhighat Sultanganj bridge will connect Khagaria and Bhagalpur districts. pic.twitter.com/7DLTQszso7
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 4, 2023
बताया जा रहा है कि ये पुल 1717 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा था। इस निर्माणाधीन पुल के कुछ हिस्से को अप्रैल में आंधी के कारण भी नुकसान पहुंचा था। खगड़िया -अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहा महासेतु का बीच का हिस्सा ध्वस्त हो गया। पुल का उपरी भाग नदी में समा गया है।
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर गिरा है। हालांकि अभी तक पुल गिरने की वजह साफ नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि पुल के तीन पाए के ऊपर बना स्ट्रक्चर भरभराकर गिर गया। भागलपुर के सुल्तानगंज में बन रहा यह सेतु खगड़िया और भागलपुर को आपस में जोड़ेगा।
JDU विधायक बोले- दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
जेडीयू के विधायक ललित मंडल ने कहा कि ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम लोग उम्मीद लगा रहे थे कि इस साल नवंबर-दिसंबर में इस पुल का उद्घाटन हो जाएगा, लेकिन इस तरह के हादसे हो रहे हैं ये जांच का विषय है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जबतक इसकी इन्क्वारी नहीं हो जाती, तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है।
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार ने साधा सरकार पर निशाना
निर्माणाधीन पुल गिरने पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस का एक और नया रूप सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि 2014 में 600-700 करोड़ की लागत वाला पुल करीब 1600 करोड़ की लागत तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि कमीशनखोरी के चक्कर में उच्च अधिकारियों के जरिए पैसे की वसूली की जा रही है। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। बिहार की जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी।