थरूर का पनामा में तीखा बयान: आतंकियों के खून से भरेंगे सिंदूर के घाव
punjabkesari.in Wednesday, May 28, 2025 - 12:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में पनामा में एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय डेलिगेशन का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की बदलती और मजबूत रणनीति पर जोर दिया है। उन्होंने विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' के महत्व पर जोर देते हुए और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की कड़ी आलोचना की। थरूर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब आतंकवादियों को अपनी हरकतों की कीमत चुकानी होगी।
पहलगाम हमले का जिक्र और 'ऑपरेशन सिंदूर'
पनामा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए थरूर ने एक भावुक पल का जिक्र किया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को याद करते हुए बताया कि कैसे कुछ महिलाओं ने रोते हुए आतंकवादियों से उन्हें भी मार डालने की गुहार लगाई थी। आतंकवादियों ने जवाब दिया था, "नहीं, वापस जाओ और बताओ कि तुम्हारे साथ क्या हुआ।" थरूर ने कहा कि हमने उनकी चीखें सुनीं, और भारत ने तब यह फैसला किया कि "हमारी महिलाओं के माथे का सिंदूर उजाड़ने वाले आतंकियों को इसकी कीमत चुकानी होगी।"
उन्होंने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' इसलिए जरूरी था क्योंकि इन आतंकवादियों ने 26 महिलाओं के पतियों और पिताओं की हत्या कर उनके वैवाहिक जीवन और पूरे जीवन को लगभग नष्ट कर दिया था।
भारत की बदलती रणनीति-
थरूर ने आतंकवाद से निपटने में भारत की बदलती रणनीति पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हाल के सालों में हमारी रणनीति में जो बदलाव आया है, वह यह है कि आतंकवादियों को अब यह अहसास हो गया है कि उन्हें अपने हमलों की कीमत चुकानी पड़ेगी।
पाकिस्तान की जवाबदेही पर सवाल-
थरूर ने 26/11 मुंबई हमलों का उदाहरण देते हुए पाकिस्तान की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "न केवल भारत, बल्कि पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के पास भी मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तानी हैंडलर्स द्वारा दिए जा रहे निर्देशों की आवाज की रिकॉर्डिंग थी। हमने सारे सबूत इकट्ठे किए, डोजियर बनाए गए, पर क्या हुआ? क्या इस जघन्य अपराध के पीछे एक भी व्यक्ति पर मुकदमा चला, सजा तो दूर की बात है?"
उन्होंने आगे कहा कि पिछले 20 वर्षों में न्यूयॉर्क, लंदन, मैड्रिड और दुनिया के कई हिस्सों में हुए हमलों के लिए पाकिस्तानी आतंकवादियों या पाकिस्तान में ट्रेंड आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। थरूर ने इसे वह "वास्तविकता" बताया जिसका हम सामना कर रहे हैं।
'ये मंजूर नहीं' और वैश्विक अपील
थरूर ने भारत के दर्द को व्यक्त करते हुए कहा, "यह मंजूर नहीं है कि हम दर्द, शोक, घाव और नुकसान को सहते रहें और फिर केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जाकर कहें कि देखो हमारे साथ क्या हो रहा है। कृपया हमारी मदद करें। कृपया अपराधियों पर दबाव डालें ताकि उनकी पहचान हो और उन पर मुकदमा चलाया जाए।"
उन्होंने कश्मीर में 1989 से शुरू हुए हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम पिछले चार दशकों से हमले झेल रहे हैं। 1989 में कश्मीर में हुए पहले हमलों से लेकर अब तक, हमने बार-बार निर्दोष नागरिकों को शिकार बनते देखा है।
थरूर ने वैश्विक समुदाय से एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की अपील की और भारत के इस संकल्प को दोहराया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी कार्रवाई अब पहले से कहीं अधिक निर्णायक और प्रभावी होगी।