सिर्फ एक महिला ने बौद्ध भिक्षुओं के 80,000 अश्लील वीडियो से हिला डाला थाईलैंड... हर मठ में जांच का आदेश
punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 11:17 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बौद्ध धर्म, जिसे संयम और ब्रह्मचर्य की मिसाल माना जाता है, आज एक बड़े यौन घोटाले की गिरफ्त में है। एक महिला ने अपने हनी ट्रैप के जरिए 9 वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं को न सिर्फ यौन संबंधों में फंसाया, बल्कि उनके साथ अंतरंग पलों के 80,000 से ज्यादा फोटो और वीडियो बनाकर करोड़ों की उगाही की। तीन वर्षों में यह रकम लगभग 102 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। मामला तब फूटा जब एक भिक्षु ने खुद को ब्लैकमेलिंग से तंग आकर ब्रह्मचर्य जीवन ही त्याग दिया। इसके बाद जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पूरे देश में सनसनी फैल गई। अब थाईलैंड की सरकार और पुलिस ने हर मठ और भिक्षु की जांच का आदेश जारी कर दिया है। धर्म, आस्था और नैतिकता की दीवारों के पीछे छिपे इस काले सच ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
कौन है आरोपी महिला?
गिरफ्तार महिला की पहचान विलेवन एम्सवाट उर्फ मिस गोल्फ के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया है कि विलेवन एक सुनियोजित तरीके से उन भिक्षुओं को अपना निशाना बनाती थी, जो समाज में उच्च पदों पर थे या जिनके पास आर्थिक संसाधन थे। वह पहले उनसे सोशल मीडिया के ज़रिए संपर्क करती, फिर निजी संबंध बनाकर उनका भरोसा जीतती। इसके बाद वे अंतरंग पलों की रिकॉर्डिंग करती और उन्हीं तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल कर उन्हें ब्लैकमेल करने लगती।
Wilawan Emsawat, 35, has been charged with extortion in Thailand for allegedly recording herself having sex with Buddhist monks & then blackmailing them for money. The case, dubbed a national scandal, began when high-ranking monk Phra Thep Wachirapamok went missing; police later… pic.twitter.com/nwgT3bxVMP
— True Crime Updates (@TrueCrimeUpdat) July 19, 2025
ब्लैकमेलिंग का नेटवर्क और खुलासा कैसे हुआ?
यह पूरा रैकेट तब उजागर हुआ जब एक वरिष्ठ भिक्षु ने अचानक अपना ब्रह्मचर्य जीवन त्याग दिया। उस भिक्षु ने बताया कि महिला ने दावा किया था कि वह उसके बच्चे की मां बनने वाली है और उसने यह रहस्य छिपाने के बदले करीब 72 लाख थाई बहत की मांग की थी। महिला की धमकियों और ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर भिक्षु ने खुद को धर्मसंघ से अलग कर लिया।
जब मामला पुलिस तक पहुंचा और जांच शुरू हुई, तब पता चला कि ऐसे कुल 9 भिक्षु इस महिला के जाल में फंस चुके हैं। इनमें से कुछ भिक्षुओं ने स्वीकार भी किया कि वे महिला से रिश्ते में थे और उसे उपहार भी देते थे – जैसे कि कार और पैसे। एक भिक्षु ने बताया कि जब उसे यह पता चला कि वह महिला किसी और भिक्षु के साथ भी संबंध में है, तब उसने खुद को ठगा महसूस किया और महिला ने यहीं से पैसों की मांग शुरू कर दी।
मंदिर के फंड का भी हुआ दुरुपयोग
जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया कि महिला के बैंक खाते में बड़ी रकम एक बौद्ध मंदिर के खाते से ट्रांसफर की गई थी। इस ट्रांजैक्शन के बाद पुलिस ने मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध वसूली और चोरी के सामान को रखने के आरोपों में विलेवन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि उसने करीब 80,000 से ज्यादा अश्लील फोटो और वीडियो एकत्र किए थे, जिनके बल पर वह भिक्षुओं को डरा-धमका कर मोटी रकम वसूलती थी।
जुए की लत में उड़ाया सारा पैसा
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विलेवन ने जो पैसा ऐंठा, उसमें से अधिकांश रकम जुए में गंवा दी। महिला की गिरफ्तारी के बाद वह यह स्वीकार भी कर चुकी है कि उसके भिक्षुओं के साथ रिश्ते थे, लेकिन उसने यह दावा किया कि उसने पैसे लिए नहीं, बल्कि कई बार खुद दिए।
छापे में मिला चौंकाने वाला सबूत
पुलिस ने विलावन के बैंकॉक के पास स्थित आलीशान घर पर छापा मारा, जहाँ से 80,000 से अधिक अश्लील फोटो और वीडियो बरामद किए गए। ये वीडियो कम से कम 5 अलग-अलग रिकॉर्डिंग डिवाइसों से रिकॉर्ड किए गए थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई भिक्षु यौन संबंध बनाते समय भी अपने भिक्षु वस्त्र पहने हुए थे।
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
अब तक 9 वरिष्ठ भिक्षुओं को पदच्युत (defrock) कर दिया गया है और एक पर मंदिर के फंड में गबन का आरोप लगा है। इस प्रकरण के बाद थाईलैंड में मंदिरों की वित्तीय प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस ने देश के सभी 300,000 बौद्ध भिक्षुओं की जांच का आदेश दिया है।
राजा ने भी उठाया बड़ा कदम
थाईलैंड के राजा महा वजिरालोंगकोर्न ने अपने 73वें जन्मदिन समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित 80 से अधिक भिक्षुओं के निमंत्रण रद्द कर दिए। राजमहल की ओर से कहा गया कि भिक्षुओं के "अनुचित आचरण" के कारण यह कदम उठाया गया, जिससे समाज में मानसिक असहजता फैली।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर यह मामला तीखी बहस का मुद्दा बना हुआ है। कुछ लोग विलावन को मुख्य दोषी मानते हैं, वहीं कई उसे बलि का बकरा बता रहे हैं और भिक्षुओं की नैतिक जिम्मेदारी पर सवाल उठा रहे हैं।
इस मामले ने थाईलैंड में धर्म, सत्ता और समाज के बीच की संवेदनशील रेखा को उजागर कर दिया है, जहाँ आस्था के नाम पर चल रही साजिशें अब कानून के शिकंजे में आ रही हैं।