मौत के बाद  दफन नहीं होंगी तस्लीमा नसरीन

punjabkesari.in Thursday, May 24, 2018 - 04:29 PM (IST)

नई दिल्लीः बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहती हैं। एक बार फिर वह सुर्खियों में है, लेकिन वजह अलग है। तस्लीमा ने अपनी मृत्यु को लेकर ऐसा फैसला लिया जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। दरअसल तस्लीमा ने मृत्यु के बाद अपने शरीर को दफनाने के बजाय उसे एम्स में मैडीकल रिसर्च में दान देने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी खुद लेखिका ने अपने ट्विटर हैंडल से दी।
PunjabKesari
तस्लीमा ने एम्स के डिपार्टमैंट ऑफ एनॉटमी की डॉनर स्लिप को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, 'मैं मृत्यु के बाद अपना शरीर एम्स को वैज्ञानिक रिसर्च और शिक्षण से जुड़े उद्देश्यों के लिए दान करती हूं।' गौरतलब है कि तस्लीमा का जन्म 1962 में बांग्लादेश में हुआ था। वह पेशे से फिजीशियन हैं। तस्लीमा कई किताबें लिख चुकी हैं। वह फेमिनिज्म और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के मुद्दों पर खुलकर लिखती हैं, जिसकी वजह से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं।

किताब 'लज्जा' की वजह से कट्टरपंथियों ने उनकी मौत पर ईनाम तक का एेलान कर दिया था, जिसके बाद तस्लीमा बांग्लादेश छोड़कर स्वीडन चल गई थीं। 2005 में तस्लीमा भारत आईं और तब से यही रह रही हैं। तस्लीमा ने ट्वीट करते हुए कहा था कि इस्लाम को शांति का धर्म कहना बंद कीजिए। बता दें कि यू तों तस्लीमा मुस्लिम हैं, लेकिन वह खुद को नास्तिक बताती हैं। देश से जुड़ों मुद्दों पर तस्लीन खुलकर अपनी बात रखती हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News