Bye-bye 2018: करुणानिधि का निधन और चक्रवात गज के कारण सुर्खियों में रहा तमिलनाडु

punjabkesari.in Friday, Dec 28, 2018 - 05:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गज चक्रवात की वजह से तमिलनाडु को हुए व्यापक नुकसान, कद्दावर द्रविड नेता एम करुणानिधि के निधन और सियासी खींचतान की वजह से राज्य में 2018 को बेहद महत्वपूर्ण वर्ष के तौर पर देखा जाएगा। करिश्माई नेता जे जयललिता के निधन के बाद मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के नेतृत्व में सत्ताधारी अन्नाद्रमुक ने इस साल कई सियासी तूफान झेले। राज्य में उसकी धूर विरोधी द्रमुक ने जयललिता के निधन के बाद पार्टी को डूबता सितारा बताया था लेकिन पार्टी विपक्ष के हमलों से निष्प्रभावी रही।
PunjabKesari  

अन्नाद्रमुक को उस वक्त एक बड़ी सियासी जीत मिली जब मद्रास उच्च न्यायालय ने उसके 18 विधायकों को अयोग्य ठहराने के कदम को सही ठहराया। इन विधायकों ने पलानीस्वामी सरकार को गिराने के लिये बर्खास्त नेता टीटीवी दिनाकरण से हाथ मिलाया था। सरकार को हालांकि उस वक्त भारी र्शिमंदगी का सामना करना पड़ा जब सीबीआई ने उसके एक वरिष्ठ मंत्री और राज्य के पुलिस प्रमुख समेत कई दूसरे लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी करोड़ों रुपये के गुटखा घोटाले के सिलसिले में की गई थी। इसने द्रमुक को एक बार फिर सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया।
 PunjabKesari

प्रदूषण की चिंताओं को लेकर तूतीकोरिन में स्टरलाइट तांबा संयंत्र के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में पुलिस की गोलीबारी में 13 लोगों की जान चली गई थी और प्रदेश सरकार ने इसे स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया, लेकिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने इस कार्रवाई को खारिज कर दिया। भाजपा के साथ द्रमुक के संबंधों में तनातनी बढऩे की संभावित अटकलों के बीच पार्टी के नए अध्यक्ष एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए पार्टी के एक कार्यक्रम में उन्हें ‘‘फासीवादी’’ करार दिया गया।इस कार्यक्रम में कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया, लेकिन उनके इस प्रस्ताव पर राष्ट्रीय विपक्षी दलों और क्षेत्रीय दलों की तरफ से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई।      
PunjabKesari
दशकों तक जयललिता और करुणानिधि के प्रभाव वाली राजनीति के गवाह रहे तमिलनाडु को प्रदेश के सियासी मंच पर फिल्म अभिनेता कमल हासन के तौर पर एक नया किरदार देखने को मिला जिन्होंने फरवरी में मक्कन निधि मय्यम बनाई।  फिल्म इंडस्ट्री में उनके समकालीन सुपरस्टार रजनीकांत हालांकि राजनीति में आने के फैसले की घोषणा करने के बाद उतने सक्रिय नहीं नजर आए और उनके प्रशंसक पार्टी के नाम का ऐलान होने का इंतजार ही करते रह गए। चक्रवात गज ने भी नवंबर में इस दक्षिणी राज्य में भारी तबाही मचाई जिससे जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ। नागापट्टिनम जिले में 16 नवंबर को पहुंचे इस चक्रवात ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। इस दौरान 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने कावेरी डेल्टा क्षेत्र में 52 लोगों की जान ले ली जबकि कई घर तबाह हुए, हजारों पेड़, बिजली के खंभे और मोबाइफ फोन के टावर उखड़ गए। सबसे ज्यादा नुकसान नागापट्टिनम, तिरुवरूर, तंजावुर और पुडुकोट्टाई जिलों में हुआ जबकि आठ अन्य जिले भी इससे प्रभावित हुए। 

PunjabKesari
करीब सात दशकों तक राज्य की राजनीति में सक्रिय और हाल के दशकों में तमिलनाडु की सियासत का पर्याय रहे करुणानिधि (94) का लंबी बीमारी के बाद सात अगस्त को निधन हो गया। उनके निधन से करीब 20 महीने पहले ही लंबे समय तक उनकी सियासी प्रतिद्वंद्वी रहीं जयललिता का भी पांच दिसंबर 2016 को निधन हो गया था। करुणानिधि के निधन के बाद स्टालिन ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News