अन्नाद्रमुक ने शशिकला को अंतरिम महासचिव पद से हटाने का प्रस्ताव किया पारित

punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2017 - 03:17 PM (IST)

चेन्नई: एकीकृत अन्नाद्रमुक ने अपनी पहली बैठक में पार्टी की अंतरिम महासचिव के रूप में वी. के. शशिकला की नियुक्ति रद्द करने का फैसला आज किया।  बैठक में कहा गया है कि पार्टी अपने संस्थापक दिवंगत एम. जी. रामचन्द्रण और दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के अलावा किसी अन्य को पार्टी महासचिव के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी की सर्वोच्च संस्था, महासभा और कार्यकारी समिति की बैठक में शशिकला की नियुक्ति रद्द करने संबंधी प्रस्ताव पारित हुआ।  बैठक में पार्टी के उप-प्रावधानों में संशोधन करने का भी फैसला लिया गया, जिसके अनुसार अब पार्टी में भविष्य में कोई महासचिव नहीं होगा।  पार्टी के मामलों में फैसला अब एक संचालन समिति करेगी। गौरतलब है कि 21 अगस्त को पार्टी के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी और ओ. पनीरसेल्वम वाले धड़ों के विलय के दौरान इस समिति के गठन की घोषणा हुई थी।  दोनों धड़ों के विलय के बाद पार्टी की यह पहली बैठक है। 

 ई. मधुसूदन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने भाग लिया। अन्ना द्रमुक के दो हिस्सों में टूटने के बाद पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले धड़े के साथ विलय के लिए पनीरसेल्वम की अगुआई वाले धड़े ने शशिकला और उनके परिवार को पार्टी से दूर रखने की मांग की थी। पार्टी के दोनों धड़ों का 21 अगस्त को विलय हो गया था और  पनीरसेल्वम को उप मुयमंत्री बना दिया गया था। विलय के विरोध में दिनाकरण के नेतृत्व में 19 विधायकों ने मुख्यमंत्री से समर्थन वापस ले लिया था जिससे पलानीस्वामी की सरकार अल्पमत में आ गयी थी। इसी के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई। 

 दिनाकरण ने इस बैठक को गैरकानूनी करार देते हुए कहा कि केवल पार्टी महासचिव को ही इस तरह की बैठक बुलाने का अधिकार है। मदुरै में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह आम परिषद की बैठक नहीं थी बल्कि दो धोखेबाजों के बीच हुए गठबंधन के बाद हुई जनसभा थी।  पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अध्यक्ष मंडल के प्रमुख ई मधुसूदन ने कार्यकारी और आम परिषद बैठक का संचालन किया। बैठक में दोनों धड़ों के विलय की सराहना, अन्ना द्रमुक के संस्थापक एमजीआर की जन्म शती समारोह के आयोजन और सुश्री जयललिता का स्मारक बनाने के निर्णय की प्रशंसा सं संबंधित प्रस्ताव भी पारित किए गए।  


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