शेख हसीना को भारत से वापस लाने के जुगाड़ में जुटी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार
punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2025 - 06:52 PM (IST)
Dhaka: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ( Bangladesh interim government) प्रत्यर्पण संधि के तहत अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) एवं अन्य को भारत से वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने बुधवार को यह जानकारी दी। हसीना (77) पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब वह छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश से भारत चली गई थीं। इन व्यापक प्रदर्शन के बाद उनकी अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार गिर गयी थी। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों एवं सैन्य तथा असैन्य अधिकारियों के खिलाफ ‘मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार' के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
सरकारी BSS समाचार एजेंसी ने चौधरी के हवाले से कहा, ‘‘हम उन लोगों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो ICT में मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।'' उन्होंने यह टिप्पणी 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर एक सवाल का जवाब देते हुए की, जिनके खिलाफ आईसीटी ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। पिछले साल बांग्लादेश ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए नयी दिल्ली को एक राजनयिक नोट भेजा था। गृह सलाहकार ने कहा कि वे देश में रह रहे लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं, जबकि विदेश में रह रहे अन्य लोगों को वापस लाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में रह रहे लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं। मुख्य व्यक्ति (हसीना) देश में नहीं है। हम उन्हें कैसे गिरफ्तार करेंगे जो विदेश में हैं?'' उन्होंने कहा कि उन्हें वापस लाने के लिए कानूनी प्रयास चल रहे हैं। उनके खिलाफ रेड नोटिस जारी करने की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर पुलिस प्रमुख बहारुल आलम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इंटरपोल जल्द ही आईसीटी द्वारा वांछित व्यक्तियों के खिलाफ नोटिस जारी करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि आईसीटी द्वारा रेड नोटिस जारी किया गया है, इसलिए मेजबान देश उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उत्तरदायी है।'' अंतरिम सरकार ने लोगों को जबरन गायब किए जाने और जुलाई में हुई हत्याओं में कथित संलिप्तता के मामले में हसीना और 96 अन्य लोगों के पासपोर्ट पहले ही रद्द कर दिए हैं। दिसंबर में, बांग्लादेश ने ‘जुलाई-अगस्त विद्रोह' कहे गए भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान सामूहिक हत्याओं के आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए आधिकारिक तौर पर हसीना की देश वापसी की मांग की थी। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अब तक दो गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं । इसका गठन मूल रूप से 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के अत्याचारों में कट्टर सहयोगी रहे लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए बनाया गया था। इसमें अधिकारियों को हसीना को गिरफ्तार करने और 12 फरवरी तक अदालत में पेश करने का आदेश दिया गया है क्योंकि उन पर पिछले 16 साल के शासन के दौरान लोगों को जबरन गायब करने के भी आरोप हैं।
समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार इस बीच, उच्च न्यायालय ने बुधवार को 23 सितंबर, 1994 को ईश्वरदी में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष हसीना को ले जा रही ट्रेन पर हमले के मामले में दोषी ठहराए गए सभी 47 लोगों को बरी कर दिया। न्यायमूर्ति मुहम्मद महबूब उल इस्लाम और मुहम्मद हमीदुर रहमान की पीठ ने दोषियों को मौत की सजा देने की अपील और जेल भेजने की अपीलों पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। निचली अदालत के फैसले को अमानवीय करार देते हुए उच्च न्यायालय ने बरी किए गए लोगों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। निचली अदालत ने नौ लोगों को मौत की सजा, 25 लोगों को आजीवन कारावास और 13 अन्य को 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। हसीना जब खुलना से सैयदपुर ट्रेन से यात्रा कर रही थीं, तभी ट्रेन पर देसी बमों और गोलियों से हमला किया गया। पुलिस ने 4 अप्रैल, 1997 को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के 52 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।