तमिलनाडु विधानसभा सत्र आज से, जल्लीकट्टू पर विधेयक लाने की तैयारी में सरकार

punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2017 - 08:52 AM (IST)

चेन्नई: जल्लीकट्टू को लेकर अभी तक जंग जारी है। तमिलनाडु सरकार आज इस पर अध्यादेश के बदले विधेयक लाने की तैयारी में है। आज से ही तमिलनाडु का विधानसभा का सत्र शुरु हो रहा है। वहीं जल्लीकट्टू खेलने के दौरान रविवार को दो लोगों की मौत हो गई और विरोध प्रदर्शनों की वजह से दक्षिण रेलवे को अपनी 19 ट्रेनें कैंसल करनी पड़ी हैं। पूरे राज्य में इस वक्त जल्लीकट्टू पर जंग हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बैन लगाया तो तमिलनाडु सरकार इसके खिलाफ अध्यादेश लेकर आई और खेल को फिर से शुरु कराया लेकिन परंपरा और संस्कृति के बीच ये भी सच है कि इसमें लोगों की जान जाती है।

अब कंबाला को लेकर आंदोलन की तैयारी
जल्लीकट्टू को लेकर हुए आंदोलन से प्रेरित होकर कंबाला (भैंसा दौड़) के आयोजकों ने अगले सप्ताह मंगलूरू में एक व्यापक प्रदर्शन करने का निर्णय किया। प्रदर्शन के दौरान आयोजक इस पारम्परिक खेल पर से प्रतिबंध हटाने की मांग करेंगे। कंबाला समिति के अध्यक्ष अशोक राय ने कहा कि उन्होंने अगले सप्ताह प्रदर्शन करने का निर्णय किया है जिसमें राजनेता और फिल्म उद्योग की हस्तियों समेत करीब 50,000 लोग हिस्सा लेंगे।

2 की मौत
तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया और इस दौरान पुडुकोट्टई में 2 लोगों की खेल में भाग लेते हुए और मदुरै में एक व्यक्ति की विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई। इस बीच विरोध के चलते मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को आलंगनल्लूर में समारोह का उद्घाटन किए बिना चेन्नई लौटना पड़ा। मदुरै के आलंगनल्लूर में प्रदर्शनकारियों ने आयोजन के स्थाई समाधान की मांग की और नारे लगाते हुए कहा कि अध्यादेश केवल अस्थाई उपाय है।

तमिलनाडु सरकार ने कुछ गाइडलाइंस जारी की
-जहां खेल का आयोजन हो रहा है वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
-सांड को छोड़े जाने से पहले उसे कम से कम 20 मिनट का आराम और डॉक्टरी जांच कराई जाए।
-सांडों को भागने के लिए कम से कम 60 स्क्वायर फीट जगह होनी चाहिए।
-खिलाड़ी सिर्फ सांड की कूबड़ ही पकड़ सकते हैं, पूंछ नहीं खींच सकते।
-पुदुकोट्टाई और तिरुचिरापल्ली में तो जल्लीकट्टू हो गया।


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