'अगर उत्तराखंड को बचाना है तो...' : जोशीमठ संकट के बीच वायरल हुआ सुषमा स्वराज का भाषण

punjabkesari.in Sunday, Jan 15, 2023 - 03:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड, चमोली के जोशीमठ में हालात दिन प्रतिदिन बेहद खराब होते नजर आ रहे हैं। कई घरों और होटलों में दरारें आने के बाद उन पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरु कर दी है। कई होटलों को जमीनदोंज कर दिया है। भूधंसाव के चलते उत्तराखंड के पहाड़ी कस्बे जोशीमठ से अनेक प्रभावित परिवारों को दूसरी जगह भेजा गया है। जोशीमठ के इस संकट के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का लोकसभा में दिया एक भाषण इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। 
 

गंगा नदी पर बन रहे सभी बांधों को रद्द करें 
वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी के बाद दिवंगत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुषमा स्वराज ने उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बन रहे सभी बांधों को निरस्त करने की जोरदार मांग की थी। जोशीमठ भूधंसाव आपदा में एनटीपीसी के तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की भूमिका पर उठ रहे सवालों के बीच सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहे एक वीडियो में लोकसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के रूप में दिए अपने संबोधन में स्वराज ने कहा था कि अगर उत्तराखंड को बचाना है तो गंगा नदी पर बन रहे सभी बांधों को निरस्त करना पड़ेगा।

उत्तराखंड को आपदाएं झेलनी पड़ रही
उन्होंने कहा था कि गंगा मैया को सुरंग में डाले जाने के कारण उत्तराखंड को आपदाएं झेलनी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जितना चाहे पैसा उन पर खर्च हो चुका हो, लोगों के राहत और पुनर्वास पर होने वाले खर्च से कहीं कम होगा।'' स्वराज ने अपने संबोधन में यह भी कहा था, ‘‘यह केवल एक संयोग नहीं है, मैं सदन को बताना चाहती हूं कि 16 जून 2013 को धारी देवी का मंदिर जलमग्न हुआ, उसी दिन केदारनाथ में जलप्रलय आया और सब कुछ तबाह हो गया।''

उमा भारती ने शेयर किया वीडियो 
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के वीडियो को भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने भी अपने टिवटर हैंडल पर साझा किया है। उमा भारती भी भागीरथी पर बनने वाले बांधों की विरोधी रही हैं। वीडियो वायरल होने के बाद कई यूजरों ने सवाल पूछे हैं। एक यूजर ने कहा- आपकी बात आज सचल निकली काश यह उत्तराखण्ड की सरकारें आपकी बात मान लेती तो आज यह हस्र वहां की जनता के साथ ना होता। जोशीमठ से सटे क्षेत्र में गंगा नदी की सहायक नदी धौलीगंगा पर एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना निर्माणाधीन है और स्थानीय लोग उस परियोजना को भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।

कुल 223 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
उत्तराखंड के चमोली जिले में जारी शीतलहर के बीच शनिवार को प्रशासन ने भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ से 38 और परिवारों को प्रभावित क्षेत्रों से निकाला है। आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि अब तक कुल 223 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हर प्रभावित परिवार को अंतरिम राहत के तौर पर 1.50 लाख रुपये की राशि वितरित करने के प्रयास तेज किए जाने के बीच होटल ‘मलारी इन' को गिराने का काम जारी रहा।

सिन्हा ने कहा कि अब तक 125 प्रभावित परिवारों को अंतरिम सहायता के रूप में 1.87 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि राहत शिविरों में कमरों की संख्या बढ़ाकर 615 कर दी गई है, जिसमें करीब 2,190 लोग रह सकते हैं। जोशीमठ में दरार वाले घरों की संख्या बढ़कर 782 हो गई है, जहां गांधीनगर, सिंगधार और मनोहर बाग वार्ड में स्थित क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित किया गया है।

 


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Content Editor

rajesh kumar

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