संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुषमा के 10 दमदार भाषण जो छोड़ गए अमिट छाप

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2017 - 01:31 PM (IST)

संयुक्‍त राष्‍ट्रः संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने वैश्विक स्तर पर भारत के लिए  नए समीकरणों की शुरुआत तो की ही साथ ही अपने असरदार भाषणों से पूरी दुनिया में अमिट छाप छोड़ने भी सफल रहीं । उन्‍होंने जहां पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई वहीं आतंकवाद व भारत की प्रगति के मसलों पर खुलकर चर्चा की। जानते हैं उनके 10 असरदार भाषण जो दुनिया के दिल में छाप छोड़ गए...

* सुषमा स्वराज  ने उद्बोधन की शुरूआत भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों से की व गरीबी को दूर करना प्रथम लक्ष्य बताया।  उन्होंने कहा कि हमारी सभी योजनाए गरीबों को सशक्तिकरण करने के लिए ही बनी हैं। इस दौरान उन्होंने जनधन योजना का विशेष उल्लेख किया व कहा कि भारत के लोगों के पास पैसा नहीं लेकिन बैंक एकाउंट जरूर हैं।

उन्होंने बताया कि भारत की दूसरी योजना मुद्रा योजना है। इसमें 70 प्रतिशत ऋण महिलाओं को दिया जा रहा है। उज्ज्वला योजना में गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, जनधन योजना, विमुद्रीकरण, का विशेष उल्लेख कर भारत के विकास की रूपरेखा को प्रदर्शित किया। भारत में बनी आज तक की सभी सरकारों को विकास के क्षेत्र में लगातार कार्य करने का श्रेय दिया।

अपने भाषण दौरान सुषमा ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा व प्रधानमंत्री अब्बैसी पर  कटाक्ष किया। सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कि भारत में लोकतंत्र की हत्या हो रही है, मानवाधिकार की हत्या हो रही है तो यूएन में मौजूद सभी देशों के प्रतिनिधियों ने कहा कि 'लुक हू इज टॉकिंग'?

* उन्होंने पाकिस्तान को याद दिलाया कि कंप्रिहेंसिव बाईलेट्रल डॉयलाग में दोनों देशों के बीच में कश्मीर सहित सभी विवादों पर बातचीत में किसी दूसरे देश की मध्यस्‍थता नहीं करने का वादा किया था लेकिन पाकिस्तान ने इसे तोड़ा। हम एक साथ आजाद हुए लेकिन आज हम कहां हैं और पाकिस्तान कहां।

* उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान एक साथ स्वतंत्र हुए लेकिन पाकिस्तान आतंकवादी राष्ट्र बना और भारत आईटी का सिरमौर बना। पाकिस्तान ने जेहादी, दहशतगर्द पैदा किए। हमने आईआईटी, आईआईएम, एम्स, बनाया।पाकिस्तान ने जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और हक्कानी नेटवर्क बनाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर बांग्लादेश, अफगानिस्तान सहित पड़ोसी देशों में भी आतंकवाद फैलाने का आरोप है।

 सुषमा ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत जब भी आतंकवाद पर विश्व के सभी देशों को एकजुट होने के लिए कहा करते थे तो विश्व के बड़े-बड़े देश इसे कानून व्यवस्था का मुद्दा बताते थे। लेकिन आज जब अपने सर पर पड़ा तो सबको आतंकवाद को मानना पड़ा।

उन्होंने कहा कि भारत के द्वारा समर्थित सीसीआईटी की सभी धाराओं पर लगभग सहमति बनी है लेकिन आतंकवाद पर एकराय नहीं बनी कि आतंकवाद की क्या परिभाषा होगी।

सुषमा ने अपने भाषण में यह कहकर कि कि गुड और बैड आतंकवाद को भूलकर सबको एक होना चाहिए। विश्व के सभी देशों को सीसीआईटी पर एक राय बनाकर उसे पारित करने का प्रयास करना चाहिए, दुनिया को आंतकवाद के मुद्दे पर एकजुट किया।

जलवायु परिवर्तन पर सुषणा ने एक राय बनाने पर जोर दिया और कहा कि हमने किसी लाभ के लिए इसका समर्थन नहीं किया क्योंकि हमारा यह पुरातन संकल्प है कि विश्व में शांति सौहार्द बना रहे। हम संसार में सभी के लिए शांति की कामना करते हैं। हाल ही में आ रहे हरिकेन एक चेतावनी है कि हम जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दें। विकसित देश अविकसित देशों को टेक्‍नालॉजी ट्रांसफर में सहायता करें।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार करने की जरूरत पर जोर दिया व कहा कि   संयुक्त राष्ट्र पीस कीपिंग में भी सुधार करने की जरुरत है। इसमें सभापति जी को कुछ करना चाहिए। हम वसुधैव कुटुंबकम की कामना करते हैं।

* सुषमा के भाषण का वो पल यादगार रहा जब उन्होंने  अपने संबोधन का अंत श्लोक के साथ किया। सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वें संतु निरामया, सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मां कश्चिद दुख भागभवेत्।जिसके बाद सुषमा स्वराज को स्टेंडिंग ओवेशन मिला व  तालियों की जोरदार आवाज से उनका समर्थन किया गया।


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