बजट सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक, सुमित्रा महाजन पहुंचीं
punjabkesari.in Wednesday, Jan 30, 2019 - 08:39 PM (IST)
नई दिल्लीः बजट सत्र से एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें विश्वास व्यक्त किया गया कि सत्र के दौरान सुचारू रूप से कामकाज होगा। बैठक की अध्यक्षता स्पीकर सुमित्रा महाजन ने की। इसमें संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल एवं अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए । बैठक में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बीजद के भतृहरि माहताब, अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, राकांपा की सुप्रिया सुले, जदयू के कौशलेंद्र कुमार सहित अन्नाद्रमुक, माकपा एवं अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उम्मीद जतायी कि सत्र सुचारू रूप से चलेगा और सभी दलों ने इस बारे में भरोसा जताया है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा और यह वर्तमान सरकार के तहत संसद का अंतिम सत्र होगा। इसकी शुरूआत बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के संबोधन के साथ होगी। वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसमें समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण से जुड़ी अनेक उपायों की घोषणा कर सकती है। यह अंतरिम बजट ऐसे समय में पेश किया जायेगा जब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन अप्रैल..मई में संभावित चुनाव के लिये तैयारी कर रही है।
सत्र के दौरान सरकार नागरिकता विधेयक, तीन तलाक विधेयक जैसे विवादास्पद विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी जिसे कई दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है। नागरिकता विधेयक पर जदयू जैसे भाजपा के सहयोगी दल एतराज जता चुके हैं। सरकार के एजेंडे में जन प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम 2017 है जिसमें प्राक्सी के जरिये एनआरआई को मतदान करने की सुविधा प्रदान की बात कही गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल विधेयक भी एजेंडे में है।
इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में अटके हुए हैं। नागरिक संशोधन विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसमें देशों के नाम से बांग्लादेश का नाम हटाने की मांग कर रहा है जिसके शरणार्थी नागरिकता के लिये आवेदन करने के पात्र बन जायेंगे। शीतकालीन सत्र में यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। राज्यसभा में इसे प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग हो रही है। सत्र के दौरान सरकार की ओर से अयोध्या में गैर विवादित 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय में पेश अर्जी का मुद्दा भी उठ सकता है। भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।
विपक्ष की ओर से सरकार के लोकलुभाव घोषणाओं का विरोध किये जाने की भी उम्मीद है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम समेत पूर्वोत्तर के चार राज्यों में स्वायत्त परिषदों पर संविधान संशोधन को मंजूरी दी है और सरकार की योजना उसे भी इसी सत्र में पेश करने की है। जानकारों का मानना है कि चुनावों के मद्देनजर सरकार इसमें अपनी उपलब्धियों को गिनाने की कोशिश करेगी। वहीं, विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। ऐसे में इस सत्र के भी हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं।