वायु गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों पर लगे कड़ा जुर्माना: सीआई-नीति रिपोर्ट

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 12:39 AM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि वायु प्रदूषण के लिए निगरानी व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए और वायु गुणवत्ता मानकों का अनुपालन नहीं करने वाली इकाइयों को कड़ा दंड दिया जाना चाहिए। यह रिपोर्ट दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सीआईआई-नीति आयोग ने स्वच्छ उद्योग परिवेश को लेकर तैयार की है। इसमें प्रमुख उद्योग स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के बारे में सुझाव दिए गए हैं। 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु गुणवत्ता मानकों का अनुपालन नहीं करने वाले उन लोगों, संगठनों और इकाइयों पर उनकी परियोजना लागत का 5-10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है जिनकी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपनी इमारत हैं या सेवा देते हैं और अन्य कोई बुनियादी ढांचा है। इसमें दो स्तरीय निगरानी तथा क्रियान्वयन व्यवस्था का सुझाव दिया गया है। इसमें स्थानीय निकायों के जरिए औचक जांच के माध्यम से स्थानीय स्तर पर निगरानी और नियमों का क्रियान्वयन शामिल है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि सक्षम प्राधिकरण (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) वायु (प्रदूषण नियंत्रण एवं बचाव) कानून, 1981 के तहत यह अधिसूचित करे कि उनके निर्धारित क्षेत्रों में नियमों का पालन नहीं होने की स्थिति में स्थानीय निकाय, प्राधिकरण और जमीन मालिक एजेंसियां आदि पर जुर्माना लगाया जा सकता है। 

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प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों में शहरी बुनियादी ढांचा या इमारतों का निर्माण और उसे गिराना, शहरी बुनियादी ढांचे का रखरखाव और सार्वजनिक या निजी जन सुविधाओं का परिचालन करने वाले शामिल हैं। इसके अलावा वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर पड़ने वाला अनुमानित प्रभाव और समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बीच सीधे सह-संबंध के आधार पर नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों, संगठनों या संबंधित एजेंसियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। 

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वायु (प्रदूषण निरोधक और नियंत्रण) कानून, 1981 के तहत प्रस्तावित अधिसूचना में इन गतिविधियों का सामाजिक और पर्यावरण लागत को लेकर उपयुक्त प्रणाली का सुझाव दिया जा सकता है। इस बारे में उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘अगर हम ताजी हवा में सांस लेना चाहते हैं, उद्योग के लिए जरूरी है कि वे रिपोर्ट की सिफारिशों को क्रियान्वित करें। चाहे वे विनिर्माण से जुड़े हों, या बिजली उत्पादन या निर्माण से, उन्हें अपनी कारोबार रणनीति में इसे शामिल करना चाहिए।'


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shukdev

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