चीन ने रोकी कैलाश मानसरोवर यात्रा, दिल्ली से लेकर सिक्किम तक फंसे यात्री

punjabkesari.in Saturday, Jun 24, 2017 - 03:23 PM (IST)

नई दिल्ली: चीन ने भारत के करीब 50 तीर्थयात्रियों को आगे बढ़ने से रोक दिया, जो सिक्किम में नाथुला दर्रे होते हुए कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले थे। इसके बाद भारत ने इस मुद्दे को बीजिंग के समक्ष उठाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के जाने में कुछ कठिनाइयां पेश आ रही हैं। इस बारे में चीनी पक्ष से बातचीत चल रही है। यह घटनाक्रम एेसे समय में सामने आया है जब दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में सीपीईसी और भारत की एनएसजी की सदस्यता के प्रयास समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है।

यात्रा के रास्ते में लैंडस्लाइड
यात्रा रोकने के पीछे का कारण तिब्बत में मानसरोवर की यात्रा के रास्ते में लैंडस्लाइड को बताया जा रहा है। लिहाजा अभी यात्रा नहीं कराई जा सकती है। कमल बंसल के मुताबिक तीर्थयात्रियों को फिलहाल गंगटोक में रखा गया है। सिक्किम टूरिज्म इन लोगों का पूरा ख्याल रख रही है।

पीएम मोदी ने किया था लंबे पुल का उद्धाटन
असम में अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाले ब्रम्हपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल का प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया था। इस उद्घाटन के बाद चीन के रवैये में बदलाव आया है। इसके बाद चीन ने नाथू-ला के जरिए मानसरोवर यात्रा के लिए पहले से तय 8 जत्थों की अनुमति को घटाकर महज 7 जत्थों तक सीमिति कर दी थी। ऐसे में नाथू-ला के जरिए मानसरोवर यात्रा के लिए निकले पहले दो जत्थों को बॉर्डर से बैरंग वापस लौटा देने को भी संशय की निगाह से देखा जा रहा है।

47 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गंगटोक पहुंचा
सूत्रों के अनुसार लगातार बारिश से हुए भूस्खलन के कारण चीन की आेर की सड़कें बह जाने के बाद 47 तीर्थयात्रियों और एक संपर्क अधिकारी को रोक दिया गया। भारतीय तीर्थयात्रियों को बताया गया कि उन्हें मौसम और सड़क की हालत सुधरने पर चीन में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यात्री आज गंगटोक लौट आए। 47 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 15 जून को गंगटोक पहुंचा था। नाथुला के रास्ते वार्षिक तीर्थयात्रा कराने में सिक्किम पर्यटन विकास निगम नोडल एजेंसी का काम करता है।


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