Himachal के मंदिरों में अरबों का भंडार, क्या बाढ़ प्रभावितों पर किया जा सकता है खर्च?...जानें किसके पास कितना सोना-चांदी

punjabkesari.in Tuesday, Aug 29, 2023 - 10:28 AM (IST)

ऊना (सुरेंद्र शर्मा): हिमाचल प्रदेश में जबरदस्त प्राकृतिक आपदा है। असंख्य लोगों के घर बाढ़, भूस्खलन और आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। सैंकड़ों लोगों की असामयिक दुखद मौत हुई। पहाड़ी राज्य के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वह अपने बलबूते पर इतनी संख्या में प्रभावित लोगों के जख्मों पर मरहम लगा पाए। अपने संसाधनों के साथ केंद्र की तरफ भी नजरें लगी हैं और उम्मीद की जा रही है कि केंद्र कोई पैकेज दे जिससे लोगों को फिर बसाया जा सके। 

 

देवी-देवताओं की इस भूमि में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की भी बड़ी आस्था है। प्रदेश के सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर व्यवस्थित किए जा रहे मंदिरों में अरबों रुपए का खजाना मौजूद है। सोने-चांदी से मंदिरों के खजाने भरे हुए हैं तो नकदी के रूप में भी यहां अपार भंडार मौजूद हैं। 

 

आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 7 सरकार द्वारा संचालित एवं व्यवस्थित मंदिर ट्रस्टों के पास 2 से अढ़ाई अरब रुपए नकदी या एफ.डी.आर. के रूप में मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त 528 किलो सोना तथा 20,579 किलो चांदी भी है। एफ.डी.आर. की बात करें तो मंदिरों के पास 1 अरब 17 करोड़ रुपए से अधिक की एफ.डी.आर. तो 1 अरब 25 करोड़ से अधिक की राशि नकदी के रूप में मौजूद है। 

 

क्या आपदा के समय धार्मिक स्थलों में मौजूद इस अपार खजाने से पीड़ित लोगों की मरहम पट्टी की जा सकती है, इस पर भी अब चर्चा शुरू हुई है। आंकड़े तो केवल सरकार द्वारा व्यवस्थित मंदिरों के ही हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे कई धर्म स्थल हैं जो निजी संस्थाओं, ट्रस्टों एवं समूहों द्वारा संचालित किए जाते हैं जिनमें काफी अधिक श्रद्धालुओं द्वारा भेंट की गई धन संपदा है। क्या प्रदेश के यह धार्मिक स्थल ऐसी आपदा की घड़ी में राज्य के लोगों को राहत पहुंचा सकते हैं, यह एक बड़ा विषय है। 

 

किस मंदिर में कितना सोना-चांदी

ज्वालामुखी मंदिर : 47 किलो सोना व 199 किलो चांदी। 29 करोड़ की एफ.डी.। 1 करोड़ रुपए सेविंग अकाऊंट में। 

नयनादेवी : 2 क्विंटल 355 ग्राम 598 मिलीग्राम सोना व 81 क्विंटल 35 किलो 213 ग्राम चांदी। 71 करोड़ की नकदी।

बज्रेश्वरी मंदिर : 35 किलो 967 ग्राम 3 मिलीग्राम सोना व 1336 किलो 935 ग्राम चांदी। 4,15,68,698 रुपए कैश।

बाबा बालक नाथ मंदिर : 22 किलो व 190 ग्राम सोना व 3 क्विंटल चांदी। 2,64,25,472 रुपए जमा। 

माता बाला सुंदरी मंदिर : 16 किलो सोना व 26 क्विंटल चांदी। 3 करोड़ 94 लाख रुपए की बचत। 

चामुंडा देवी मंदिर : 31 जुलाई 2023 तक 19 किलो 589 ग्राम 858 मिलीग्राम सोना व 734 किलो 775 ग्राम 322 मिलीग्राम चांदी। एफ.डी.आर. के रूप में 1.84,07,369 रुपए जमा। बचत खाते में 90,28,067 रुपए। 

चिंतपूर्णी मंदिर : 209 किलो 402 ग्राम सोना व 7600 किलो 224 ग्राम चांदी। 77 करोड़ की एफ.डी.। 43 करोड़ 60 लाख 49 हजार जमा।

 

मंदिर ट्रस्ट आपदा में मुख्यमंत्री राहत कोष में दे रहे योगदान : अग्निहोत्री

डिप्टी सी.एम. मुकेश अग्निहोत्री कहते हैं कि मंदिरों के पास जितनी भी जमा पंूजी, एफ.डी.आर. एवं अन्य संसाधन हैं, वे श्रद्धालुओं द्वारा दी गई भेंट है और यह धार्मिक स्थलों के विकास तथा उनमें सुविधाएं जुटाने पर ही खर्च किया जाता है। हालांकि मंदिर ट्रस्ट आपदा में मुख्यमंत्री राहत कोष में भी अपना योगदान दे रहे हैं। 

 

मंदिरों से मदद ले सकते हैं, पर यह परंपरा नहीं बननी चाहिए : जयराम

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि राज्य के साधन संपन्न मंदिरों से आपदा के समय मदद ली जा सकती है, लेकिन हर बार के लिए ऐसी परम्परा नहीं बननी चाहिए। वैसे तो सरकार को चाहिए कि वह आपदा के समय अपने संसाधनों से राशि जुटाए। फिर भी प्रतिकूल हालात में जनहित को ध्यान में रखकर सरकार ऐसा निर्णय ले सकती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Related News